बिहार व नेपाल को भरपूर मिलता बिजली-पानी

दूर होता बाढ़ संकट

Update: 2023-10-04 02:13 GMT

मधुबनी: कोसी हाईडैम के निर्माण से न केवल बिहार और नेपाल को बाढ़ से राहत मिलती, बल्कि नेपाल और बिहार की बिजली जरूरतें भी पूरी होती. इस परियोजना के पूरा होने के बाद 5500 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होता. यही नहीं बिहार में लगभग 10 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती. साथ ही नेपाल के 5 लाख हेक्टेयर से अधिक भूभाग में सिंचाई के लिए पानी पहुंचता, लेकिन पूरी योजना अब भी कागजों पर ही दौड़ रही है. बिहार की तमाम कोशिशों के बाद भी पूरी प्रक्रिया डीपीआर तक ही उलझ कर रह गई है. बिहार की पहल पर पिछले दो-तीन वर्षों में इस दिशा में तेजी आई है. उसने भारत सरकार पर दबाव बनाया और नेपाल से बातचीत के लिए बार-बार अनुरोध भी किया. इससे भारत-नेपाल के बीच वार्ता का नया दौर शुरू तो हुआ, पर परिणाम कुछ खास नहीं निकल पाया है.

कमला व बागमती योजना जोड़ने से भी हुआ विलंब अगस्त 2004 में संयुक्त परियोजना कार्यालय खुलने के समय योजना के सर्वेक्षण, अनुसंधान और डीपीआर तैयार करने के लिए भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय ने 30 करोड़ की राशि स्वीकृत करते हुए 30 माह का समय तय किया था. इस काम को फरवरी 2007 तक पूरा कर लेना था, लेकिन इस अवधि में नेपाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के कारण कार्यों की प्रगति काफी धीमी रही. साथ ही अध्ययन के स्कोप में वृद्धि भी कर दी गई. इस परियोजना में कमला जलाशय योजना एवं बागमती योजना के संभाव्यता अध्ययन के कार्य को भी संयुक्त परियोजना कार्यालय के कार्य से जोड़ दिया गया. इसके बाद 2013 तक डीपीआर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया. इस बीच कार्यों की राशि 30 करोड़ से बढ़कर 88 करोड़ भी हो गई, लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया.

इस योजना की मुख्य बातें

● सप्तकोसी नदी पर वराह क्षेत्र में 269 मीटर ऊंचा बांध

● सप्तकोसी नदी पर कुरुले के समीप 49 मीटर ऊंचा बांध

● कोसी नदी पर चतरा में एक बराज

● सनकोसी नदी पर डायवर्सन टनल का निर्माण

● उत्तर बिहार व नेपाल प्रक्षेत्र में कई नहर प्रणालियों का निर्माण

इस योजना से मुख्य लाभ

● सिंचाई प्रक्षेत्र में भारत में 9.76 लाख हेक्टेयर में जबकि नेपाल में 5.46 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा

● पावर सेक्टर में 3000 मेगावाट से लेकर 5500 मेगावाट तक पनबिजली का उत्पादन

● बाढ़ प्रबंधन के क्षेत्र में अधिकतम जलस्राव को एक तिहाई तक कम करना

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