रजिस्ट्रार के आदेश का भूटा ने किया विरोध

Update: 2023-05-28 06:09 GMT

भागलपुर न्यूज़: टीएमबीयू के रजिस्ट्रार ने आदेश जारी कर कहा कि कोई भी शिक्षक या शिक्षकेतर कर्मचारी बिना अपने अधिकारी की अनुमति या सूचना दिए विवि में नहीं आयें. यदि ऐसा देखा गया तो उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. विश्वविद्यालय प्रशासन के आदेश को तुगलकी फरमान करार देते भूटा (भागलपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन) ने सख्त नाराजगी जताई.

भूटा के महासचिव प्रो. पवन कुमार सिंह ने आदेश को शिक्षक और कर्मचारियों के लिए असम्मानजनक करार दिया है. भूटा महासचिव ने कहा कि विवि कार्यालय परिसर कोई दर्शनीय पर्यटन स्थल नहीं है, जहां शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी शौक से घूमने जाएंगे. शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, एरियर, सेवा नवीकरण, सेवा संपुष्टि, प्रोन्नति, इंक्रीमेंट, मूल्यांकन कार्य के मानदेय, एनपीएस, अवकाश या अग्रिम के समायोजन, उनके पक्ष में जारी न्यायालय और कुलाधिपति के आदेशों को जब महीनों और वर्षों तक लटकाया जाता है तो मजबूरन उन्हें विश्वविद्यालय मुख्यालय आना पड़ता है. शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी अगर ईमेल अथवा डाक से आवेदन भेजते हैं, तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. मुख्यालय में कार्य निष्पादन की न कोई विहित प्रक्रिया है और न ही पारदर्शिता. ऐसे में बांका, नारायणपुर, नवगछिया, कहलगांव, सुल्तानगंज, सबौर आदि कालेजों के शिक्षक और कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश लेकर मुख्यालय आना पड़ता है. विडंबना यह है कि मुख्यालय में अधिकारी अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं रहते हैं. ऐसे में उन्हें कई कई बार चक्कर लगाने की जरूरत पड़ती है. आर्थिक शोषण व मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है. मुख्यालय के कालेज के लोग भी अध्यापन कार्य के बाद विश्वविद्यालय परिसर में जाते हैं. अधिकारियों को चाहिए कि सबका काम समय से बिना परेशान किये निबटा दें तो सभी समस्याओं का निदान हो जाएगा.

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