Bhagalpur: कला केंद्र में गंगा मुक्ति आंदोलन की बैठक हुई
|"समाधान पर राष्ट्रीय विमर्श की तैयारी पर चर्चा"
भागलपुर: भागलपुर के कला केंद्र में अर्जुन शर्मा की अध्यक्षता में गंगा मुक्ति आंदोलन की बैठक हुई। बैठक में 22-23 फरवरी को कहलगांव में प्रस्तावित गंगा बेसिन समस्याएं और समाधान पर राष्ट्रीय विमर्श की तैयारी पर चर्चा हुई।
कहलगांव में हर वर्ष गंगा मुक्ति आंदोलन का वर्षगांठ होता है। इस वर्ष 43वां वर्षगांठ है। बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व कुलपति डॉ फारूक अली ने कहा कि बहती नदी में आश्रयणी घोषित करना अव्यवहारिक फैसला है। आश्रयणी संबंधित कई निर्णय कुछ लोगों के प्रभाव से लिया जा रहा है जो विशेषज्ञ होने का दावा करते हैं।
योगेंद्र सहनी ने बताया कि कहलगांव में रहने खाने की तैयारी कर ली गई है। 16 जनवरी को तैयारी और स्वागत समिति की बैठक कहलगांव में होगी। गौतम ने सुझाव दिया कि ऑन लाइन जुड़ने वाले अतिथि का स्लॉट पहले से तय हो। बैठक में निर्णय लिया गया कि मछुओं की आजीविका और फ्री फिशिंग, गंगा गाद और अविरलता, प्रदूषण, जलवायु संकट और विकास नीति, संगठन आंदोलन की रणनीति और कार्यक्रम आदि पर चर्चा होगी। उदय ने सवाल उठाया कि बिहार के गंडक , कोशी आदि नदियों में डॉल्फिन पाई जाती है। उसके लिए सरकार क्या कर रही है ?
योगेंद्र सहनी ने कहा कि कहलगांव में डॉल्फिन की संख्या सबसे अधिक है। वहां मछुए भी भारी संख्या में हैं अगर मछुए डॉल्फिन मारते से डॉल्फिन भारी संख्या में कहलगांव में कैसे पाया जाता ? बैठक में उदय, डॉ फारूक अली, योगेंद्र सहनी, ललन, राहुल, मृदुला सिंह, गौतम कुमार, नरेश सिंह, उज्ज्वल कुमार घोष, जय करण सत्यार्थी, मनोज कुमार, राहुल, रोहित कुमार और इकराम हुसैन शाद ने बहुमूल्य सुझाव दिए।