भागलपुर: भूमि की अनुपलब्धता पावर सबस्टेशन के निर्माण में आड़े आ रही है. बताया गया है कि पिछले तीन वर्षों से भूमि उपलब्ध नहीं होने से पावर सबस्टेशन का निर्माण अधर में लटका है.
यों बिजली कंपनी के अधिकारियों की ओर से इस संबंध में जिला प्रशासन को लगातार पत्राचार किया जा रहा है. लेकिन, इसमें सफलता हासिल नहीं हो सकी है. बताया गया है कि बेगूसराय अंचल के नीमाचांदपुरा, रचियाही-इटवा, बरौनी अंचल के न्यू इंडस्ट्रियल एरिया, सिमरिया घाट, बछवाड़ा अंचल के चिरंजीवीपुर, भगवानपुर अंचल के पकठौल, बलिया अंचल के मीरालीपुर बांध, साहेबपुरकमाल अंचल के पंचवीर, गढ़पुरा के सुजानपुर, बेगूसराय अंचल के जीडी कॉलेज कैंपस व कालीस्थानी पीएचईडी के आसपास, भगवानपुर अंचल के लखनपुर, बेगूसराय अंचल के रामधारी सिंह दिनकर इंजीनियरिंग कॉलेज, बरौनी रिफाइनरी कॉलोनी चहारदीवारी के बाहर इटवा में पावर सबस्टेशन का निर्माण स्वीकृत है. लेकिन, भूमि उपलब्ध नहीं होने से पावर सबस्टेशन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है. रिफाइनरी टाउनशिप के पास पावर सबस्टेशन निर्माण के लिए आईओसीएल के स्वामित्व की भूमि है.
बिजली अधीक्षण अभियंता ने इस वर्ष जून को पत्र भेजकर भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में पावर सबस्टेशन निर्माण के बारे में बताया गया है कि एनओसी प्राप्त है. भूमि हस्तांतरण के लिए अभिलेखीय प्रस्ताव बेगूसराय सीओ के स्तर से लंबित है.
भगवानपुर के लखनपुर के बारे में बताया गया है कि यहां भूमि चिह्नित है. लेकिन, सीओ के स्तर से अभिलेखीय प्रस्ताव अप्राप्त है. जानकारों का कहना है कि यदि चिह्नित इलाके में पावर सबस्टेशन का निर्माण हो जाता है तो निर्बाध बिजली आपूर्ति की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा. अभी ब्रेकडाउन या शटडाउन की स्थिति में सीधे संबंधित फीडर की लाइन बाधित हो जाती है.
इन पावर सबस्टेशनों के निर्माण से उपभोक्ताओं तक बिजली आपूर्ति की 11 केवी लाइन छोटी हो जाएगी. प्रस्तावित पावर सबस्टेशनों के निर्माण से बिजली संचरण में सुबिधा तो होगी ही. ब्रेकडाउन की समस्या से भी निजात मिलेगी.