गया: गर्मी का मौसम और गेहूं कटनी का समय आते ही अगलगी की घटना में काफी वृद्धि हो गई है। रोज बड़े पैमाने पर गेहूं के खेत में आग लगने से किसानों को बड़े पैमाने पर क्षति हो रही है। किसी ना किसी तरह की लापरवाही से होने वाली घटना के मद्देनजर अग्निशमन विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर सभी लोगों से इस पर ध्यान देने की अपील किया है।
विभाग ने कहा है कि खेत में फसल के लिए अग्नि सुरक्षा पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। फसल कटने तक बोरिंग पर पंपिंग सेट तैयार हालत में रखें। अगर खेत में आग लग गई हो तो फैलने वाली दिशा में थोड़ी दूर पर फसल काटकर फायर ब्रेक करें। फसल ढुलाई के लिए खेतों के बीचों-बीच से ट्रैक्टर, पिकअप सहित किसी वाहनों को लाने एवं ले जाने का प्रयोग नहीं करें। अगर खलिहान के पास तालाब या अन्य कोई जल स्रोत हो तो वहां से पाईप या पंपिंग सेट तैयार रखें।
खेतों में बिजली के नंगे तार के नीचे हरा चारा उगाएं तथा पकने वाली फसलें नहीं लगाएं। खेतों से गुजरने वाले बिजली के तार के किसी भी जोड़ को ढ़ीला या खुला नहीं छोड़ें। बांस के खंभे के द्वारा नंगे बिजली के तार खेतों में नहीं रखें। खेत के आस-पास बीड़ी-सिगरेट आदि नहीं पीएं तथा ना ही किसी को पीने दें। खेत के आस-पास पूजा एवं हवन नहीं करें और ना ही किसी को करने दें। कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग नहीं लगाएं।
इससे आग फैलता है, वातावरण दूषित करता है और खेतों की उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती है। सूखे और कटनी योग्य फसल के खेतों के इर्द-गिर्द अलाव या चूल्हे का राख नहीं फेंके। पकी फसल के खेतों के अगल-बगल पेड़ से गिरे पत्ते या झाड़ियों में आग नहीं लगाएं। पकी फसलों के आस-पास खेतों में थ्रेसरिंग का नहीं करें। किसी भी उत्सव के दौरान पकी फसल के आस-पास आतिशबाजी नहीं करें ना ही किसी को करने दें। आग लगने पर इमरजेंसी नंबर-101 पर या स्थानीय थाना और किसी भी अधिकारी को फोन करें।