क्रांति की धरती बखरी ने हमेशा प्रस्तुत किया है संघर्ष की मिसाल : संघचालक
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बेगूसराय। बखरी को जिला बनाने के संकल्प के साथ बखरी अनुमंडल का 28 वां स्थापना दिवस बुधवार की रात समारोह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम में सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय पोखर के मुहार पर 28 मोमबत्ती जलाकर दीपावली के पूर्व ही दीपावली मनाई।
इसके बाद श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय के तत्वावधान में ''बखरी का गौरवशाली अतीत और उसका भविष्य'' विषयक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी को संबोधित करते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के जिला संघचालक मनोरंजन वर्मा ने कहा कि बखरी क्रांति की धरती रही है। आजादी का आंदोलन हो, 1974 की सम्पूर्ण क्रांति हो या फिर 90 के दशक का अनुमंडल आंदोलन, बखरी ने संघर्ष की हमेशा मिसाल पेश की है।
सपा जिलाध्यक्ष दिलीप केसरी ने कहा कि स्थापना के तीन दशक बाद भी बखरी अनुमंडल का सम्यक विकास नहीं हुआ है, आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है हमारा अनुमंडल। भाजपा नेता और निवर्तमान नगर पार्षद सिधेश आर्य ने कहा कि बखरी जिला बनने की सभी अर्हताओं को पूरा कर रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बखरी के प्रतिनिधि मंडल को यह आश्वस्त किया था कि बिहार में जब भी कोई जिला बनेगा तो बखरी उसमें शुमार होगा।
उन्होंने नौजवानों का आह्वान करते हुए कहा कि विकास से वंचित बखरी को विकसित बनाने के लिए अनुमंडल आंदोलन की तरह एक बार फिर से विराट जनांदोलन खड़ा करना होगा, जिसकी अगुवाई यहां की युवा पीढ़ी करेगी। तीन दशक पूर्व के अनुमंडल आंदोलन को याद करते हुए कहा कि हमें अनुमंडल भीख के कटोरे या अनुकंपा में नहीं मिला है। बल्कि इसे पाने के लिए यहां की तरुणाई को अपनी जवानी खपानी पड़ी है, संघर्ष की जीवंत आकृति है बखरी अनुमंडल। जन पहल के संयोजक विकास वर्मा ने कहा कि तीन जिलों के सीमावर्ती क्षेत्र होने के बावजूद बखरी अब तक विकास के वंचित रहा है, इसे जिला का दर्जा देकर ही विकसित बनाया जा सकता है।
कांग्रेस नेता कमलेश कुमार कंचन ने कहा कि बखरी को अनुमंडल बनाने के लिए उन्हें पुलिस की लाठियां खानी पड़ी, जेल जाना पड़ा, मुकदमे झेले और आत्मदाह का प्रयास तक करना पड़ा। लेकिन दुःख होता है कि तीन दशक पूर्व स्थापित अनुमंडल कार्यालय भवन तक अब जर्जर हो चुका है, इसकी चिंता किसी को नहीं है। अभाविप के पूर्व नगर अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने कहा कि आंदोलन का श्रेय लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। बल्कि इसका विकास अब कैसे हो, इसके लिए सभी दलों को एकजुट होना होगा। पूर्व मुखिया मधुसूदन महतो ने कहा कि बखरी व्यवहार न्यायालय को सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस करने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा।