महज 23 लाभुकों का ही बन पाया आयुष्मान गोल्डन कार्ड

गोल्डन कार्डधारी लाभुकों का पंजीकृत अस्पतालों में पांच लाख तक का होता है मुफ्त इलाज

Update: 2023-09-19 08:32 GMT

गोपालगंज: जिले में जिले में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्यमान गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य पांच वर्षों के बाद भी पूरा नहीं हो सका है. इससे योजना के हकदार लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. स्थिति यह है कि विगत एक वर्ष में महज 17 हजार गोल्डन कार्ड ही बन सका है.

विभाग के अनुसार जिले में 8 लाख 37 हजार 513 लाभर्थियों को गोल्डेन कार्ड देने के लक्ष्य रखा गया था. लेकिन,अब तक मात्र 1 लाख 86 हजार के आसपास ही कार्ड बन सका है. गोल्डन कार्ड नहीं बन पाने से लाखों जरूरतमंदों को पांच लाख रुपए तक का फ्री इलाज नहीं हो पा रहा है. हालांकि जिले में लक्ष्य के मुताबिक गोल्डन कार्ड बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन,जागरूकता के अभाव में भी इसमें तेजी नहीं आ रही है. गोल्डन कार्ड बनाने तक ही नहीं अस्पताल को टैग करने में भी स्वास्थ्य विभाग काफी पीछे है. जिले में ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल तो पूरी तरह से इस सुविधा से वंचित है. शहर में भी मात्र पांच अस्पताल ही इससे जुडें हैं. वैसे जिले के 14 सरकारी अस्पताल टैग हैं. ज्ञात हो कि आयुष्मान योजना से गोल्डन कार्ड बन जाने पर पंजीकृत सरकारी व निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है.

मात्र 13 हजार लोग ही पांच वर्षों में ले सके हैं लाभ

आयुष्मान गोल्डन कार्ड के शुरू हुए करीब पांच वर्ष होने को है. लेकिन जिले में कार्ड बनाने से लेकर इलाज तक की रफ्तार काफी धीमी रही है. इन पांच वर्षों में मात्र 13 हजार 110 लाभार्थी ही जिले से या बाहर के अस्पतालों से लाभ ले सके हैं. जानकारों की मानें तो जागरूकता की कमी के कारण यह हाल है.

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