अब डीएम कोर्ट को भी थानों का सीसीटीवी फुटेज मिलेगा, डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को लिखा पत्र
जिलों के डीएम को किसी मामले की जांच और सुनवाई के दौरान जरूरत पड़ने पर उनके कोर्ट को भी सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराया जायेगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिलों के डीएम को किसी मामले की जांच और सुनवाई के दौरान जरूरत पड़ने पर उनके कोर्ट को भी सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराया जायेगा। डीएम कोर्ट को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को लेकर डीजीपी एसके सिंघल ने भागलपुर सहित सभी जिलों को लिखा है। उन्होंने जरूरत पड़ने पर डीएम कोर्ट को थानों में लगे सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को कहा है।
डीजीपी ने अपने पत्र में लिखा है कि डीएम कोर्ट को किसी खास घटना की जांच के लिए अगर सीसीटीवी फुटेज की जरूरत होगी तो वे रेंज के डीआईजी या आईजी को इसे लेकर लिखेंगे और उसके बाद डीआईजी के निर्देश पर थाना में लगे सीसीटीवी का फुटेज डीएम कोर्ट को उपलब्ध करा दिया जायेगा। डीजीपी ने सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को लेकर पहले जारी निर्देश में संशोधन करते हुए नया निर्देश जारी किया है। पहले जारी निर्देश में डीएम कोर्ट को फुटेज उपलब्ध कराने की बात नहीं थी।
मानवाधिकार से संबंधित मामले में पीड़ित पक्ष को फुटेज उपलब्ध कराने का है निर्देश
पुलिस मुख्यालय ने पहले ही सीसीटीवी फुटेज को लेकर यह निर्देश जारी किया है कि कोई घटना अगर मानवाधिकार से संबंधित हो तो पीड़ित पक्ष सीसीटीवी फुटेज की मांग कर सकता है। घटना घटित होने के एक साल के अंदर तक फुटेज पीड़ित पक्ष को उनकी मांग पर उपलब्ध कराया जायेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह व्यवस्था की गई है, ताकि पीड़ित पक्ष को घटना की पूरी जानकारी हो और वे उसी के अनुसार जांच की मांग कर सकें। रेंज डीआईजी सुजीत कुमार ने कहा कि डीजीपी के निर्देश का पालन कराया जायेगा। जरूरत पड़ने पर डीएम कोर्ट को फुटेज उपलब्ध करा दिया जायेगा।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर थानों में लगाये जा रहे सीसीटीवी
थानों में सीसीटीवी लगाने का कार्य सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुरू किया गया है। भागलपुर सहित सभी जिलों में स्थित थानों में टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड को सीसीटीवी लगाने का कार्य सरकार द्वारा दिया गया है। पुलिस के कार्य में पारदर्शिता बनी रहे, इसे लेकर सीसीटीवी फुटेज लगाने का कार्य किया जा रहा है। जिले में ज्यादातर थानों में सीसीटीवी लगाया जा चुका है। थानाध्यक्ष के चैंबर सहित पूरे थाना परिसर और थाने के बाहर की भी गतिविधि कैमरे में कैद होती है।