मौसम अनुकूल फसलों का लक्ष्य पूरा करने की तैयारी में जुटा कृषि विभाग

Update: 2023-06-19 06:10 GMT

मुंगेर न्यूज़: संभावित बाढ़ व सुखाड़ के मद्देनजर मुंगेर जिला कृषि कार्यालय की ओर से आकस्मिक फसल योजना 2023 तैयार कर स्वीकृति के लिए विभाग को भेज दिया गया है. खरीफ मौसम में मौसम अनुकूल फसलों का लक्ष्य पूरा करने के लिय सभी तरह की तैयारी की योजना विभाग की ओर से बनाई गई है.

इस संबंध में बताया गया कि संभावित बाढ़ तथा सुखाड़ की स्थिति में फसल उत्पादन प्रभावित होता है. प्रतिकूल परिस्थितियों में फसलों का शष्य प्रणाली, प्रभेदों के चयन एवं फसल पद्धति में परिवर्तन की जरूरत है. ऐसी परिस्थतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

क्या है आकस्मिकता की तैयारी आकस्मिक तैयारी के तहत विलंब से मानसून का आना, लंबी अवधि तक बाढ़ की स्थिति रहना, हथिया नक्षत्र के पूर्व वर्षा की समाप्ति हो जाना, अतिवृष्टि से बाढ़ का आगमन एवं विभिन्न अवस्थाओं में फसलों की क्षति शामिल है. फसल पद्धति परिस्थिति अनुरूप पर प्रभेदों का सही चयन एवं शष्य प्रणाली में अनुकूल परिवर्तन करना अनिवार्य हो जाता है.

मिट्टी के प्रकार व सिचाई के उपलब्ध संसाधनों पर किया जाता है फसलों का चयन फसलों का चयन मिट्टी के प्रकार तथा सिचाई के उपलब्ध संसाधनों के आधार पर किया जाता है. विलंब से मानसून के आने की स्थिति में धान के अतिरिक्त अन्य फसलों को विकल्प के रूप में लिया गया है.

आकस्मिक फसल योजना के तहत इन प्रभेदों की पड़ती है आवश्यकता 15 दिनों तक सुखार की स्थिति में कम अवधि वाले धान प्रभेदों आईआरआई 36 पूसा, साकेत चार, कनक, कामिनी, फागुनी, कावेरी, राजेंद्र धान , राजेंद्र भगवती के साथ ही 30 से 35 दिनों तक सुखार की स्थिति में खरीफ दलहनी यथा कुल्थी, उड़द, मूंग, सूर्यमुखी आदि फसल लगाकर किसान लाभान्वि होंगे.

तकिया जाएगा है.

योजना के तहत विक्रेताओं को भी दिया गया है निर्देश

आकस्मिक फसल योजना के तहत कृषि विभाग ने सभी संबद्ध खाद-बीज विक्रेताओं को यह निर्देश दिया है कि वे लोग बाढ़ की स्थिति का आकलन करते हुए बीज तथा खाद को उंचे स्थान पर भंडारित करें ताकि उर्वरक एवं बीज खराब नहीं हो. विदित हो कि सरकार किसानों को खाद एवं बीज की खरीददारी पर भी अनुदान देती है. इसलिए किसानों को अनुदान राशि का भुगतान उनके खाते में भेजे जाने को लेकर उनके नामों की सूची के साथ उनके आधार कार्ड को लिंक करवाया जा रहा है.

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