प्रशासन ने जल संकट से निबटने को कसी कमर
प्रशासन ने नल-जल योजना की इकाइयों को भी दुरूस्त रखने को कहा
गया: गया में संभावित जल संकट से निबटने को लेकर जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. हाल के दिनों में मौसम की तपिश बढ़ने के साथ जारी लू के प्रकोप के बीच जल संकट से आमजन को बचाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने पीएचईडी अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों के खराब पड़े चापाकलों की शीघ्रता से मरम्मत करने के साथ नल-जल योजना की इकाइयों को भी दुरूस्त रखने को कहा है.
गया में भूगर्भीय जलस्तर औसतन 35 फिट गहरा मापा गया है. डीएम ने कहा है कि चार हफ्ते पूर्व से संभावित जल संकट से निबटने को लेकर किए गए प्रशासनिक प्रयास के नतीजे भी दिख रहे हैं. इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास जरूरी है.
जिलाधिकारी ने अबतक दो हजार से अधिक चापाकलों की मरम्मत का दावा करते हुए कहा है कि जिले में चापाकल मरम्मति दल का गठन किया गया है, जो सूचना मिलते ही खराब पड़े चापाकलों को दुरूस्त कर रहा है. चापाकल मरम्मत में काम आने वाले छोटे-मोटे कल पुर्जों से लेकर राइजिंग पाइप तक मरम्मत दल को मुहैया कराये गए हैं. डीएम ने सरकारी स्कूलों और सरकारी संस्थानों तथा दफ्तरों में खराब पड़े चापाकलों की प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कराए जाने का टास्क भी पीएचईडी अधिकारियों को दिया है. ग्रामीणों से जल संकट की सीधी सूचना प्राप्त करने के लिए अलग-अलग नम्बर भी जारी किए गए हैं.