बिहार में आए दिन साइबर अपराध के नए मामले देखने को मिलते हैं. राज्य में हर दिन कोई न कोई साइबर अपराध का शिकार हो रहा है. अब साइबर अपराधियों ने तो आम लोगों के साथ साथ खास लोगों को भी अपने निशाने पर लेना शुरू कर दिया है. अभी कुछ दिनों पहले ही बिहार के डीजीपी को फर्जी कॉल कर एसपी पर से केस हटाने को कहा गया था. डीजीपी का मामला शांत होता उससे पहले ही राज्य के एक और बड़े अधिकारी के साथ साइबर फ्रॉड की कोशिश की गई. अपराधियों ने राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के बैंक खाते से 90 हजार रुपये उड़ाने की कोशिश की. हालांकि अपराधी अपनी मंशा में सफल नहीं हो पाए.
90 हजार की ठगी का था प्रयास
घटना के संदर्भ में बताया जा रहा है कि साइबर अपराधियों ने रविवार को मुख्य सचिव के खाते से रुपये निकालने की कोशिश की लेकिन आमिर सुबहानी को जैसे ही इस बात की भनक लगी तो वो सतर्क हो गए. उन्होंने 90 हजार रुपये की धोखाधड़ी के अंदेशे के बारे में EOU को जानकारी दी. जानकारी मिलने के बाद 90 हजार रुपये को ब्लॉक कर दिया गया और आगे की कार्रवाई की गई.
कुछ ही देर में अपराधी हुए गिरफ्तार
मामले की जानकारी मिलते ही ईओयू की टीम ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. मामले में एफआईआर दर्ज कर EOU की आगे की जांच और पूछताछ कर रही है. अब पूछताछ के बाद ही साइबर अपराधियों के इस गिरोह के बारे में खुलासा हो पाएगा की ये कैसे अपना गिरोह चलाते हैं. एवं इनके अपराध से संबंधित अन्य जानकारियां.
आकड़ों में साइबर अपराध
राज्य में साइबर अपराध के साल 2016 में 309, साल 2017 में 433, साल 2018 में 374, साल 2019 में 1,050 एवं साल 2020 में 1,512 मामले दर्ज किए गए. बिहार में ऑनलाइन लेनदेन पिछले 10 सालों में 15 से 20 गुना बढ़ गए हैं. इससे ज्यादा गति से साइबर अपराध के मामले 10 सालों में सौ गुना बढ़ गये हैं. प्रदेश के 40 पुलिस जिला में सबसे अधिक साइबर क्राइम पटना में होता है. राष्ट्रीय स्तर पर साइबर क्राइम की बात करें तो वर्ष 2021 में कुल 52,974 मामले दर्ज हुए. 2020 में यह संख्या 50,035 थी. एनसीआरबी की रिपोर्ट 2021 के अनुसार 2021 में पांच फीसदी अपराध बढ़ा. 2019 से तुलना करें तो साइबर क्राइम में 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी हुई.