Mount Litera Zee School में दो दिवसीय पैरेंट्स ओरियंटेशन प्रोग्राम का किया गया आयोजन
Lakhisaraiलखीसराय। दामोदरपुर स्थित माउंट लिट्रा जी स्कूल में दो दिवसीय पैरेंट्स ओरियंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर की गई।इस कार्यक्रम के द्वारा बच्चों के माता – पिता को बच्चे के विकास एवं शिक्षा – पद्धति से जुड़ी खास बातों को बताया गया।इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ज़ी लर्न पूर्व क्लस्टर स्कूल डायरेक्टर जेबा तस्लीम रहीं। ज़ेबा तसलीम जो पूर्व में एक शिक्षक ,समन्वयक ,उप– प्रधानाचार्य ,प्रधानाचार्य और स्कूल डायरेक्टर के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं।यह कार्यक्रम जेबा तस्लीम के नेतृत्व में किया गया।
प्रथम दिवस नर्सरी से कक्षा –2 तक के बच्चों के सर्वांगीण विकास पर चर्चा की गई। जिसमें जेबा तस्लीम ने बच्चों के पठन –पाठन को आसान बनाने के लिए जी –लर्न द्वारा दी गई पेंटामाइंड कॉन्सेप्ट पर बल दिया ।उन्होंने बच्चों में नए अनुभवों को तलाश करने और सीखने में रुचि पैदा करने के लिए गतिविधि –आधारित शिक्षण को प्रोत्साहित किया । गतिविधि –आधारित शिक्षण एक शिक्षण पद्धति है, जिसमें विषय –वस्तु को विभिन्न गतिविधियों और इंटरैक्टिव उपकरणों के जरिए पढ़ाया जाता है। जिससे बच्चों में जिज्ञासा बढ़ती है। बच्चों की शिक्षा को खेल के साथ जोड़ने की बात की गई ।
दूसरे दिवस में कक्षा –तृतीय से अष्टम तक के बच्चों में सीखने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण के बारे में चर्चा की गई।इस दिन भी जेबा तस्लीम के नेतृत्व में ही कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के व्यापक दृष्टिकोण के बारे में बताया गया । राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा का उद्देश्य न केवल शैक्षणिक ज्ञान देना होता है ,बल्कि कौशल मूल्यों और छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देना होता है। कार्यक्रम में छात्रों के पढ़ाई में रुचि विकसित करने, नए विचारों को समझने और उनके दृष्टिकोण को विस्तारित करने के लिए प्रोत्साहन को बढ़ावा देने पर बल दिया गया।
इस कार्यक्रम में बच्चों के माता – पिता ने भी बहुत अधिक संख्या में उत्साहपूर्वक भाग लेकर बच्चों के पठन –पाठन से संबंधित प्रश्नोत्तर करके अपने मन के संशय को दूर किया । विद्यालय के चेयरमैन संजीव कुमार स्नेही ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बताएं कि हर बच्चों में अनोखी प्रतिभाएं और क्षमताएं होती है ,जो उसे एक अलग पहचान देती है।माता –पिता एवं शिक्षकों को इन अंतरों को पहचानना महत्वपूर्ण है ,ताकि बच्चों को आत्मविश्वास ,मूल्यवान और गर्व महसूस करने में मदद मिल सके।
विद्यालय की सेक्रेटरी विजेता स्नेही ने भी बताया कि बच्चों का दिमाग जटिल विचारों को समझने और सकारात्म्क सोच विकसित करने में सक्षम होता है। बच्चों का शैक्षिक विकास उनके समग्र विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बच्चों को खेलने के माध्यम से शिक्षा देना, जैसे पहेलियाँ, खेल, और समूह गतिविधियाँ, उनकी सोचने की क्षमता को बढ़ाती है l बच्चों का समग्र विकास एक जटिल और निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और शैक्षिक पहलुओं का योगदान महत्वपूर्ण होता है। माता-पिता और शिक्षकों का कर्तव्य है कि वे बच्चों को सही मार्गदर्शन और समर्थन दें, ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके और वे समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए तैयार हो सकें।
कार्यक्रम में उप – चेयरमैन रंजन कुमार स्नेही , प्रिंसिपल अनूप कुमार डे ,रिलेशनशिप मैनेजर पवन कुमार ,शिक्षकों में आशीष कुमार गुप्ता ,मनीष कुमार ,बिट्टू कुमार ,संदीप कुमार,दीपक कुमार एवं शिक्षिकाओं में दीपशिखा कुमारी ,श्रुति राज ,जयश्री कुमारी ,शबनम प्रवीण , नेहा कुमारी और मयंक कुमारी उपस्थित रहीं।