पटना न्यूज: बिहार सरकार शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस बीच, कराए गए एक सर्वे से यह खुलासा हुआ है कि राज्य की 99 प्रतिशत महिला आबादी और 92 प्रतिशत पुरूष आबादी शराबबंदी के पक्ष में है। अलग बात है कि शराबबंदी कानून और लागू करने के तरीके को लेकर विपक्ष सवाल उठाता रहा है। बिहार रुरल लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जीविका), चाणक्य विधि विश्वविद्यालय और पंचायती राज द्वारा संयुक्त रूप से कराए गए सर्वे के मुताबिक बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 लागू होने के बाद से अब तक 1.82 करोड़ यानी करीब 96 प्रतिशत लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। बताया गया है कि इस सर्वे में 10 लाख से अधिक लोगों से संपर्क किया गया। सर्वेक्षण के लिए सभी जिलों और सभी प्रखंडों को आधार बनाया गया। इसके लिए जीविका समूह से 10 हजार लोगों का चयन किया गया था। इस दौरान इन्होंने 7968 पंचायतों के लोगों से संपर्क किया।
मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा शराबबंदी का आम लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन के लिए कराए गए सर्वे के विषय में जीविका समूह के कार्यपालक निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि सर्वे से जुड़ी 10 हजार महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। मद्य निषेध उत्पाद विभाग द्वारा तैयार प्रश्नों के सेट के आधार पर 10.22 लाख से अधिक लोगों से सवाल पूछे गए। सभी जवाब इस काम के लिए बनाए गए एप पर डाले गए।इससे पहले भी बिहार में शराबबंदी का आम जन पर होने वाले प्रभाव की जानकारी के लिए दो सर्वे हो चुके हैं।