93 फीसदी बीज डाले गए पर रोपनी दो फीसदी ही हुई

Update: 2023-07-11 07:27 GMT

रोहतास न्यूज़: धान का बिचड़ा डालने का समय खत्म हो गया है. बावजूद इसके जिले में इस बार 93 प्रतिशत ही धान के बिचड़े डाले गए हैं. क्योंकि सिंचाई के अभाव में कैमूर पहाड़ी क्षेत्रों के किसान बिचड़ा नहीं डाल सके. हालांकि जिले में बरसात हुई है. लेकिन, किसानों को लगा कि अब बिचड़ा डालने से खेती पिछड़ सकता है और रबी फसल भी मारी जाएगी.

हालांकि इसे देखते हुए कृषि विभाग वैकल्पिक रूप में अरहर व मक्का का बीज किसानों को उपलब्ध करा रही है. ताकि खेत परती न रहे. लेकिन, विभाग को पता नहीं है कि अरहर व मक्के की उन्नत खेती भी आषाढ़ के महीने में ही संभव है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 20 हजार 500 हेक्टेयर भूमि में धान का बिचड़ा डालने का लक्ष्य था.

जिसमें से करीब 19190 हेक्टेयर भूमि में ही बिचड़े डाले गए हैं. जो बिचड़े तैयार हैं. उनकी रोपनी भी हो रही है. अधिकांश जगहों पर खेत तैयार हो रहे हैं. बताया जाता है कि नौहट्टा प्रखंड में लक्ष्य के अनुसार 91 प्रतिशत, रोहतास में 89 प्रतिशत ही बिचड़े डाले गये हैं. हालांकि जहां पहले बिचड़े डाले गए हैं, वे तैयार हो गए हैं. नहरों से पानी की आपूर्ति निर्वाध हो रही है. मौसम भी साथ दे रही है. यही कारण है कि चहुंओर खेतों में ट्रैक्टर की आवाज सुनने को मिल रही है. वहीं रोपनी की बात करें तो दो प्रतिशत हुई है. तीन प्रखंडों में ही रोपनी का काम शुरू है. कोचस में 386 हेक्टेयर व करगहर में 512 हेक्टेयर में रोपनी हुई है. तिलौथू में लक्ष्य के 1.9 प्रतिशत यानी 123 हेक्टेयर भूमि में रोपनी हुई है. अन्य प्रखंडों में अभी रोपनी शुरू नहीं हुई है. जिले में कुल 1027 हेक्टेयर भूमि में ही रोपनी हुई है. बताया जाता है कि जिले में दो लाख पांच हजार हेक्टेयर भूमि में रोपनी का लक्ष्य निर्धारित है. लेकिन, अभी रोपनी का काम काफी धीमी गति से हो रही है. रोपनी के लिए इस बार बाहर से काफी कम मजदूर पहुंचे हैं. इससे भी देरी हो रही है.

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