बिहार | किसी में अंक पत्र नहीं तो किसी में नियोजन पत्र ही नहीं. जिले समेत सूबे के 6660 शिक्षकों के फोल्डर में इस तरह की कई गड़बड़ी मिली है. शिक्षा विभाग के अनुसार 30831 शिक्षकों के फोल्डर दिए गए. वहीं, निगरानी ने कहा कि 9072 फोल्डर ही मुजफ्फरपुर समेत विभिन्न जिलों से उपलब्ध कराए गए हैं. शिक्षक बहाली फर्जीवाड़े की जांच में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को रिपोर्ट दी है.
निगरानी की रिपोर्ट के अनुसार, जिलों से निगरानी को उपलब्ध कराए गए इस 9072 फोल्डरों में से 6660 में विभिन्न तरह की गड़बड़ी मिली हैं. इसे जिलों को वापस लौटा दिया गया है. 2412 फोल्डर ही सही मिले हैं हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई है. इस रिपोर्ट के साथ ही निगरानी के पुलिस अधीक्षक ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक से जांच रिपोर्ट में सहयोग की मांग की है. निगरानी के पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि जांच कार्य में शिक्षकों को लगाया गया था, लेकिन शिक्षकों के प्रतिनियुक्ति रद्द हो जाने के कारण सर्टिफिकेट जांच नहीं हो पा रही है.
जिले में 16 हजार शिक्षकों का सर्टिफिकेट देना है जिसमें से 60 का ही सर्टिफिकेट मिलने की रिपोर्ट निगरानी की ओर से दी जा रही है. निगरानी टीम ने निदेशक से कहा है कि सर्टिफिकेट की जांच को डाटा इंट्री ऑपरेटर, विधि परामर्शी एवं सेवानिवृत्त बिहार शिक्षा सेवा पदाधिकारियों की सेवा उपलब्ध कराई जाए.
ये गड़बड़ियां मिलीं
● प्राप्त कराए गए फोल्डरों को बिना सूची के उपलब्ध कराया गया है
● कई अंक पत्र, प्रमाण-पत्र बिना अभिप्रमाणित व मुहर के उपलब्ध कराए गए
● केवल अंक पत्र व प्रमाण पत्र की छायाप्रति ही उपलब्ध कराई गई है
● प्राप्त अंक पत्र, प्रमाण पत्र से संबंधित शिक्षक का स्थाई व वर्तमान पता एवं पदस्थापन स्थल का उल्लेख नहीं है
● संबंधित शिक्षक का ऑनलाइन आवेदन पत्र की वेब कॉपी भी संलग्न नहीं है
● फोल्डर को कैंप कार्यालय में रख दिया गया, जिसे अपूर्ण पाते हुए जिलों के जांचकर्ता ने विभाग को किया वापस
● संबंधित शिक्षक-शिक्षिका का नियोजन पत्र भी संलग्न नहीं है
● वैसे अंकपत्र, प्रमाण-पत्र जो अभिप्रमाणित नहीं मिले, उनका वैधानिक रूप से सत्यापन नहीं कराया जा सकता