3000 किमी. लंबी पदयात्रा कर इतिहास रचेंगे प्रशांत किशोर! अब तक बिहार के किसी नेता ने नहीं की इतनी लंबी यात्रा
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पटना। प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में 'जन सुराज' अभियान के तहत जनता के बीच जा रहे हैं। प्रशांत किशोर की पदयात्रा ऐतिहासिक होगी, क्योंकि बिहार के किसी नेता ने अब तक इतनी लंबी पैदल यात्रा नहीं की है। प्रशांत किशोर बताते हैं कि इस अभियान का उद्देश्य बिहार को विकास के मामलों में देश के अग्रणी राज्यों के साथ खड़ा करना है।
पहले भी देश के कई नेता कर चुके हैं लंबी पदयात्राएं
प्रशांत किशोर के पहले भी देश के कई नेता पदयात्राएं कर चुके हैं। आजादी से पहले महात्मा गांधी ने चांपरण सत्याग्रह के दौरान, दांडी मार्च के दौरान और अन्य कई मौकों और पदयात्राएं की थी। आजादी के बाद पदयात्रा करने वालों की सूची में सबसे बड़ा नाम पूर्व प्रधानमंत्री और समाजवादी नेता चंद्रशेखर का आता है। चंद्रशेखर ने साल 1983 में 4260 किमी की दूरी पैदल चल कर तय की थी। इस पदयात्रा को 'भारत यात्रा' का नाम दिया गया था। दूसरा नाम नेता सह अभिनेता सुनील दत्त का आता है, जिन्होंने सुनील दत्त ने 1987 में पंजाब में 2000 किमी की लंबी पदयात्रा की थी।
इसके बाद आंध्र प्रदेश के नेताओं का नाम आता है। इसमें 2003 में पूर्व मुख्यमंत्री वाईएसआर रेड्डी की 1500 किमी लंबी पदयात्रा, 2013 पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की 1700 किमी लंबी पदयात्रा और 2017 से 2019 के बीच वर्तमान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की 3648 किमी लंबी पदयात्रा शामिल हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम आता है। उन्होंने 2017 से 2018 के बीच 'नर्मदा यात्रा' के नाम से 3300 किमी लंबी पदयात्रा 192 दिनों में पूरी की थी।
बिहार की राजनीति में किसी नेता ने नहीं की बड़ी पदयात्रा
वहीं अगर बात करें बिहार की तो यहां के नेताओं के पदयात्रा का कोई बड़ा उदाहरण नहीं मिलता है। बिहार के वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं कि बिहार की राजनीति में किसी नेता ने बड़ी पदयात्रा नहीं की है। सबसे हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2017 में चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने पर 7 किमी. की एक सांकेतिक पदयात्रा में शामिल हुए थे। इस पदयात्रा में उनके साथ तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे। वहीं अगर प्रशांत किशोर बिहार में 3000 किमी लंबी पदयात्रा पूरी करते हैं तो इस मामले में बिहार में एक नया कीर्तिमान स्थापित होगा। दरअसल, प्रशांत किशोर ने 5 मई 2022 को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि 2 अक्तूबर 2022 से वो बिहार में पदयात्रा करेंगे, जो लगभग 3000 किलोमीटर लंबी होगी।