मुजफ्फरपुर न्यूज़: बिहार में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े लोगों की पहचान कर उस पर कार्रवाई के लिए पहली बार आर्थिक अपराध इकाई के डीएसपी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम बनाई है. साथ ही पटना, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, पूर्णिया समेत दो दर्जन जिलों को भी कार्रवाई करने से संबंधित निर्देश दिए गए हैं. इसमें सीमांचल के भी कुछ जिले शामिल हैं. हालांकि, सभी जिलों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. इस तरह के अश्लील वीडियो से जुड़ी सामग्री की जानकारी केंद्र सरकार के स्तर से आई है.
वेबसाइट पर अश्लील सामग्रियों खासकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी गतिविधि में सक्रिय भूमिका निभाने वालों में बिहार के भी कई संदिग्ध लोग शामिल हैं. अवैध तरीके से ये लोग वेबसाइट पर इसे अपलोड करते हैं या इस तरह की वीडियो किसी सुदूर इलाकों में चोरी-छिपे या डरा-धमका कर बनाने में संलिप्त हैं. ईओयू के पास ऐसी 18 हजार सामग्री आई हैं, जिसकी सघन जांच चल रही है. इसमें बिहार का कनेक्शन सामने आ रहा है. दूसरे देशों या राज्यों से वीडियो मंगाकर वेबसाइट पर अपलोड करने का भी मामला सामने आया है. इनके लिंक ग्रुप में प्रसारित किए जा रहे हैं. अब इसकी बारीकी से जांच होगी.
सीबीआई ने चलाया था देशव्यापी ऑपरेशन
सीबीआई इंटरनेट पर परोसे जाने वाले सभी तरह की अश्लील सामग्रियों खासकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ देशव्यापी मुहिम चलाई थी. अब तक बिहार के दो ठिकाने समेत पूरे देश में 90 ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है. इसमें साइबर कैफे से लेकर कुछ आरोपियों के घर भी शामिल हैं. सीबीआई ने इसे ऑपरेशन ‘मेघ चक्र’ नाम दिया है. सितंबर 2022 में इसके तहत देश के दर्जनों शहरों के 138 ठिकानों पर रेड की गई थी.
राष्ट्रीय स्तर पर एजेंसियों से ऐसे मामले साझा किए जा रहे हैं. जिलों में लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है. ईओयू में स्पेशल सेल का गठन कर राज्य स्तर पर जांच की जा रही है.
- नैय्यर हसनैन खान, एडीजी, ईओयू
● वेबसाइट पर अश्लील सामग्री अपलोड करने में सूबे के कई संदिग्धों की हुई पहचान
साइबर क्राइम के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर पर जनवरी से अब तक 100 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं. इसमें पीड़ितों ने कई तरह की बातें बताई हैं. इन शिकायतों को दर्ज कर इस पर भी संजीदगी से कार्रवाई की जा रही है.