असम में सिलचर को 'डूबने' वाली ये बाढ़ गहरी साजिश निकली, सीएम खुद बने जासूस और वीडियो से बेनकाब

सीएम खुद बने जासूस और वीडियो से बेनकाब

Update: 2022-07-05 06:11 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुवाहाटी. पिछले दिनों असम के सिलचर शहर में आई भीषण बाढ़ को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यह बाढ़ प्रकृति का प्रकोप कम; 6 लोगों की साजिश का नतीजा थी। असम के कछार जिले में बराक नदी के तटबंध के टूटने(Embankment of the Barak river) के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तटबंध टूटने से सिलचर शहर में बाढ़ आ गई थी। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान मिठू हुसैन लश्कर और काबुल खान के रूप में हुई है। कछार की एसपी रमनदीप कौर ने इनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। हालांकि अधिक जानकारी शेयर नहीं की गई है। कौर ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। लश्कर को पुलिस ने शनिवार को और खान को शुक्रवार रात की गिरफ्तार किया गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले ही कहा था कि यह बाढ़ एक मानव निर्मित आपदा थी(man-made disaster) थी। उपद्रवियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। पढ़िए आगे की कहानी..

काबुल खान ने कथित रूप से नियमों का उल्लंघन करते हुए एक वीडियो फिल्माया था। इस वीडियो को मुख्यमंत्री ने कछार जिले में तटबंध स्थल का दौरा करते समय स्थानीय निवासियों को दिखाया था। वह लोगों से वीडियो में आवाजों की पहचान करने के लिए कहा गया था। इसके बाद खान की पहचान हो गई। जांच में सामने आया है कि तटबंध टूटने के लिए मुख्य रूप से 6 लोग जिम्मेदार थे।
CM हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि गुवाहाटी में CID ने एक मामला दर्ज किया है। सीआईडी ​​के एडीजीपी मामले की जांच को लीड करेंगे। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 24 मई को सिलचर से करीब 3 किलोमीटर दूर बेथुकंडी में एक वेटलैंड नाले के बारिश के पानी को बराक नदी में जाने देने के लिए तटबंध काट दिया गया था।
तटबंध तोड़ने को मामले में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद जून में भारी मूसलाधार बारिश के बाद नदी का पानी सिलचर में घुस गया था। इससे 1 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए।
बता दें कि असम में हाल के दिनों में आई सबसे भीषण बाढ़ में 6 अप्रैल से अब तक 34 जिलों में कम से कम 180 लोगों की मौत हो गई है और 89.13 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
अगर सिर्फ सिलचर की बात करें, तो यहां 10 दिनों से अधिक समय से पानी भरा हुआ था। दीमा हसाओ में भूस्खलन के बाद से एक महीने से अधिक समय तक रेल लिंक डिसकनेक्ट पड़ा हुआ है। मेघालय में भूस्खलन ने सड़क मार्ग से सिलचर की कनेक्टिविटी को और तोड़ दिया।


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