Assam असम: विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संबद्धित शिशु शिक्षा समिति, असम की वार्षिक महासभा आज शाम 5 बजे गुवाहाटी, जू-रोड के विष्णुपथस्थित शंकरदेव विद्या निकेतन में संपन्न हुई। महासभा में शिशु शिक्षा समिति, असम प्रदेश समिति ने वर्ष भर के अपने कार्यक्रमों का विवरण दिया। सभा का उद्घाटन शिशु शिक्षा समिति, असम के अध्यक्ष डॉ. दिव्यज्योति महंत ने किया। तत्पश्चात शंकरदेव विद्या निकेतन, विष्णुपथ के विद्यार्थियों ने बरगीत गाया । बैठक के प्रारंभ में पिछले साल हमारे बीच से दिवंगत होने वाले असम के प्रमुख शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सांस्कृतिक, खेल और बुद्धिजीवियों को एक मिनट मौन रहकर श्रद्धांजलि दी गई। विद्या भारती उत्तर असम प्रांत के संगठन मंत्री नीरव घेलानी ने प्रस्ताविक भाषण दिया और आने वाले वर्ष में की जाने वाली गतिविधियों के बारे में बताया।
बैठक के मुख्य अतिथि कॉटन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश चंद्र डेका ने बताया कि वैज्ञानिक शोधों से यह साबित हो चुका है कि गायत्री मंत्र मस्तिष्क के विकास और विभिन्न रसायनों के संतुलन को बनाए रखने में विशेष रूप से सहायक है। उन्होंने विद्या भारती की मातृभाषा शिक्षण पद्धति की भी सराहना की। वार्षिक रिपोर्ट सचिव कुलेंद्र कुमार भगवती ने पढ़ी। ऑडिटर राहुल त्रिपाठी ने 2023-24 वर्ष का लेखा जोखा प्रस्तुत करने के साथ ही आगामी वर्ष का बजट पेश किया। विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी ने बदलते समय और परिवेश के अनुरूप विद्या भारती की नीति और नई शिक्षा नीति के साथ पंचपदी शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया। पुरानी कमेटी के इस्तीफे के बाद निवर्तमान सचिव कुलेंद्र कुमार भगवती को सर्वसम्मति से अध्यक्ष तथा जगन्नाथ राजबंशी को सचिव पद के लिए चुनकर उनकों आगे की जिम्मेवारी सौंपी गयी।बैठक में विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के सचिव डॉ. जगदींद्र रॉय चौधरी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर असम प्रांत के प्रचारक नृपेन बर्मन, शिक्षाविद् अनिमा शर्मा, शिशु शिक्षा समिति, असम के उपाध्यक्ष अलकनंदा बरुआ और शिक्षा संस्कृति न्यास के सांचीराम पायेंग समेत कई जाने-माने शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।