अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, Guwahati में सफलतापूर्वक हिंदी पखवाड़ा का समापन
Assam असम : असम के कामरूप जिला स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, गुवाहाटी में पिछले 14 से 30 सितंबर तक हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया जिसमें निबंध लेखन, टिप्पण लेखन, चित्र दृश्य लेखन, हिंदी काव्य पाठ, एक वाक्य अनुवाद एवं आशु भाषण जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इन सभी प्रतियोगिताओं में संस्थान के संकाय, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने बढ़-चरकर भाग लिया। इस दौरान गत 30 सितंबर को हिंदी पखवाड़ा का समापन समारोह मनाया गया। हिंदी पखवाड़ा के समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदीप कुमार, पूर्व पुलिस महानिदेशक, असम एवं डॉ. चंद्रशेखर चौबे, क्षेत्रीय निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, गुवाहाटी उपस्थित थे। समारोह का शुभारंभ प्रो. (डॉ.) अशोक पुराणिक, कार्यकारी निदेशक, एम्स गुवाहाटी, डॉ. मानसी भट्टाचार्यजी, अधिष्ठाता (शैक्षणिक ) एवं मुख्य अतिथियों के करकमलों द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस दौरान संस्थान के सभी संकाय, अधिकारी, कमर्चारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का स्वागत संबोधन डॉ. सुबाष चंद्र गुप्ता, विभागाध्यक्ष एवं आचार्य, जैव रसायन विभाग द्वारा प्रेषित किया गया। इस अवसर पर आचार्य पुराणिक ने सभा को संबोधित किया। उन्होनें अपने भाषण में राजभाषा से संबंधित विविध जानकारियाँ दी तथा कार्यालय में हिंदी के प्रयोग को और अधिक बढ़ाने की अ। पील की
उन्होंने अवगत कराया कि हिंदी पखवाड़े के आयोजन का मुख्य उद्देश्य हिंदी एवं गैर-हिंदी भाषी कार्मिकों को हिंदी से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन के माध्यम से हिंदी भाषा में दक्ष बनाना है । तदोपरांत मुख्य अतिथियों ने राजभाषा हिंदी के बारे में अपने-अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। उल्लेखनीय है कि इस पखवाड़े के दौरान ही 27 सितंबर को संस्थान में हिंदी कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें संसाधक के रूप में डॉ. राधेश्याम तिवारी, प्रधानाचार्य, बी.एम.बी.बी कॉमर्स कॉलेज, गुवाहाटी को आमंत्रित किया गया जिन्होंने संस्थान के सभी कार्मिकों को सरकारी कामकाज में हिंदी की महत्ता के बारे में बताया। इसके अलावा पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरुस्कार, कार्यकारी निदेशक, एम्स गुवाहाटी एवं मुख्य अतिथियों के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया। उक्त पुरुस्कारों के अलावा सांतवना पुरुस्कार तथा गैर-हिंदी कार्मिकों को हिंदी में कार्य करने के लिए विशेष प्रोत्साहन पुरुस्कार भी प्रदान किया गया। अंत में हिंदी पखवाड़ा कार्यक्रम का समापन डॉ. रश्मि अग्रवाला, सहायक आचार्या के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया था ।