Congress ने असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में निरंकुश शासन का लगाया आरोप
Assam: असम में पांच विधानसभा सीटों के लिए आज उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें से सामगुरी विधानसभा क्षेत्र में हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। सत्तारूढ़ दल पर इस उपचुनाव में मतदाताओं को परेशान करने और धांधली करने का आरोप लगाते हुए असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) ने इसका कड़ा विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में, असम एक निरंकुश शासन के अधीन है और उसी के हिस्से के रूप में, बिहाली और सामगुरी निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनावों में मतदाताओं को डराने-धमकाने और धांधली के आरोप लगाए गए हैं। चुनाव आयोग से ऐसे आरोपों की पुष्टि करने की मांग करते हुए भूपेन बोरा ने कहा कि सांसद रंजीत दत्ता ने बिहाली निर्वाचन क्षेत्र के गंगमऊ इलाके में मतदाताओं को धमकी दी है। इसी तरह सामगुरी विधानसभा क्षेत्र के कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को धमकाया जा रहा है और धांधली करने की कोशिश की जा रही है। भूपेन बोरा ने कहा कि समगुरी में 10 मतदान केंद्रों में बड़े पैमाने पर अनियमि तताओं के आरोप हैं।
निर्वाचन क्षेत्र में नंबर 5 भागमुख मोकताब स्कूल, नंबर 6 पश्चिम सालपारा मोकताब स्कूल, नंबर 40 पुथिखैती प्राइमरी स्कूल सेंटर, नंबर 41 पुथीखैती वेस्ट ब्लॉक, नंबर 88 कुशल कुंवर गर्ल्स प्राइमरी स्कूल सेंटर, नंबर 89 शोलमारी मोक्ताब स्कूल सेंटर, नंबर 90 शोलमारी वेस्ट मोक्ताब स्कूल, नंबर 181 लैलूरी मोक्तब स्कूल सेंटर, 182 और 116 लैलूरी मोक्ताब स्कूल वेस्ट सेंटर में धांधली की शिकायतें मिली हैं।चुनाव आयोग को मामले को गंभीरता से लेकर समीक्षा करने की बात करते हुए बोरा ने कहा कि ''हमें शुरुआत से ही आशंका थी कि इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं होंगे। इसलिए, मैंने निर्वाचन आयोग से इन निर्वाचन क्षेत्रों को संवेदनशील क्षेत्र मानते हुए मतदान केन्द्रों में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती करने का अनुरोध किया था । लेकिन सरकार के हाथों की कठपुतली बन चुके चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से न लेने की मिसाल पेश की है। कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने भी मांग की कि चुनाव आयोग जरूरत पड़ने पर सीसीटीवी फुटेज की जांच की व्यवस्था करे।