असम सरकार ने 34 स्कूलों को किया बंद, राज्य के हाईस्कूल के सभी छात्र हो गए फेल

असम सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के 34 स्कूलों को खराब रिजल्ट के कारण बंद करने का आदेश जारी किया है.

Update: 2022-08-25 01:27 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। असम सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के 34 स्कूलों को खराब रिजल्ट के कारण बंद करने का आदेश जारी किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इन स्कूलों में 10वीं के सभी छात्र बोर्ड परीक्षा (Class 10th Board Examination) में फेल हो गए थे. गुवाहाटी में सार्वजनिक क्षेत्र के 16 स्कूलों के बंद होने के बाद राज्य सरकार ने राज्य के 34 और स्कूलों को बंद करने का नोटिस जारी किया. इन सभी स्कूलों में एक भी छात्र 2022 हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट परीक्षा में पास नहीं हुआ.

एकत्रीकरण प्रक्रिया के चलते कई स्कूल पहले ही बंद किए जा चुके हैं. शिक्षा विभाग ने छात्रों की कमी और शून्य परिणाम के कारण 1,000 से अधिक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को पहले ही बंद कर दिया है. छात्रों और अभिभावकों में भी प्रतिक्रिया है कि विलय के नाम पर कई शिक्षण संस्थानों को पड़ोसी स्कूलों से जोड़ा गया है. लेकिन कुछ स्कूलों को दूरस्थ संस्थानों से जोड़ने में भी कई जगहों पर छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
हालांकि, राज्य सरकार ने 30 से कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने पर कड़ा रुख अपनाया है. शिक्षा विभाग ने पहले ही जिला व अंचल स्तर पर 30 से कम छात्रों वाले संस्थानों की सूची भिजवाने का निर्देश दिया है. कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले के 16 स्कूलों को बंद कर दिया गया है. इन संस्थानों में 30 से कम छात्र होने के बाद यह निर्णय लिया गया.
1000 से अधिक स्कूल को पहले ही किया जा चुका है बंद
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले असम सरकार ने छात्रों की कमी और खराब रिजल्ट के कारण 1,000 से अधिक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को बंद कर दिया था. कई स्कूलों को आस-पास के दूसरे स्कूल में मर्ज भी किया जा चुका है. स्कूलों से मर्जर का कई जगहों पर विरोध भी हुआ था.
केजरीवाल बोले- स्कूल बंद करने के बदले पढ़ाई ठीक कीजिए
खराब रिजल्ट के कारण असम सरकार के 34 स्कूलों को बंद करने के फैसले को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गलत बताया है. केजरीवाल ने एक ट्वीट कर बताया कि स्कूल बंद करना समाधान नहीं है. हमें तो अभी पूरे देश में ढेरों नए स्कूल खोलने की जरूरत है. स्कूल बंद करने की बजाय स्कूल को सुधार कर पढ़ाई ठीक कीजिए. बता दें कि दिल्ली की शिक्षा नीति की तारीफ पूरे देश में होती है.
ये स्कूल हुए बंद –
– कछार के खुर्शीद अली सुखदेव नाथ हाई स्कूल,
– लखीपुर हाई स्कूल,
– नेहरू गर्ल्स हाई स्कूल,
– फुलेश्वरी पब्लिक हाई स्कूल,
– एसएनडीएम हाई स्कूल,
– चिरंग के बरपथार हाई स्कूल,
– दरंग जिले के पद्मपुखुरी हाई मदरसा,
– धुबड़ी का मोहन लाल शोभाशरिया एकाडमी हाई स्कूल,
– सापतग्राम हाई मदरसा,
– डिब्रुगढ़ के छात्री कल्याण बालिका हाईस्कूल,
– ग्वालपाड़ा के थोरका हाई स्कूल,
– गोलाघाट के मिसामारा आदर्श हाई स्कूल,
– हैलाकांडी के स्वामी विवेकानंद हाई स्कूल,
– जोरहाट के आमगुड़ीहाट हाई स्कूल,
– बालीगांव गीतार्थी वोकेशनल हाई स्कूल,
विद्याधर शर्मा मेमोरियल हाई स्कूल,
– कुंवरी पुखुरी हाई स्कूल,
– नकचारी गर्ल्स हाई स्कूल,
– कामरूप (ग्रामीण) में गोहल कोनो हाई स्कूल,
– कार्बी आंगलांग में देवपानी हाई स्कूल,
– डिफू नाइट हाई स्कूल,
– हावराघाट तिनाली आंचलिक बोरो मीडियम हाई स्कूल,
– इंगलांगरी हाई स्कूल,
– जयपोंग आदर्श हाई स्कूल,
– ओई कारेंग हाई स्कूल,
– टेकेलागुन हाई स्कूल,
– कोकराझार के शास्त्री विद्यापीठ हाई स्कूल,
– लखीमपुर के आजाद आदर्श विद्यापीठ,
– शांतिज्योति हाई स्कूल,
– नगांव के अमोनी तिनाली माधवदेव हाई स्कूल,
– डॉ. बिकोरी हाई स्कूल,
– नलबाड़ी के बरकुरिहा विद्यामंदिर हाई स्कूल और वेस्ट कार्बी आंगलोंग के मुनमिली हाई स्कूल. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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