असम में बाढ़ से अब तक 89 की मौत, 32 जिलों के 55 लाख से अधिक लोग प्रभावित

असम में ब्रह्मपुत्र, बराक एवं उनकी सहायक नदियों में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही.

Update: 2022-06-22 01:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। असम में ब्रह्मपुत्र, बराक एवं उनकी सहायक नदियों में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही. राज्य में इस प्राकृतिक आपदा के कारण सात और लोगों की जान चली गई एवं करीब 55 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मौत के नए मामलों के बाद इस साल प्राकृतिक आपदा के कारण इस साल 89 लोग जान गंवा चुके हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सर्मा ने बाढ़ प्रभावित नलबाड़ी और कामरुप जिलों में राहत शिविरों का दौरा किया और कहा कि जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी.

अधिकारियों के अनुसार, भुवनेश्वर से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के कर्मी बचाव अभियान में मदद के लिए असम भेजे गए हैं. बराक घाटी में करीमगंज और कचार जिलों में बराक एवं कुशियारा नदियों का जलस्तर बढ़ते जाने से स्थिति गंभीर बनी हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ की चार इकाइयां बचाव अभियान में मदद के लिए भुवनेश्वर से सिलचर भेजी गई हैं.
बराक घाटी भेजी गई NDRF की टीम
उन्होंने कहा, 'एनडीआरएफ की चार इकाइयां यानी कुल 105 कर्मी बराक घाटी में बचाव अभियान चलाने के लिए सिलचर भेजे गए हैं.' उन्होंने इस 'त्वरित मदद' के लिए गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया. कचार में 506 गांव के 2.16 लाख लोग और करीमगंज में 454 गांव के 1.47 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य में 36 में से 32 जिलों में करीब 48 लाख लोग बाढ की इस दूसरी लहर से बेहाल हैं.
32 जिलों के 55 लाख लोग प्रभावित
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) के अनुसार, राज्य के 36 में से 32 जिलों के 55,42,053 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बारपेटा सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 12.51 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ के चलते 2.62 लाख लोगों ने 862 राहत शिविरों में शरण ली है. राहत कार्य में लगी एजेंसियों ने पिछले 24 घंटे में 11,292 लोगों एवं 27,086 मवेशियों को बाढ़ वाले क्षेत्रों से बाहर निकाला.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी
केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार, नगांव जिले के कामपुर में कोपिली नदी और निमाटिघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, कामरूप, ग्वालपाड़ा और धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी तथा पुथिमारी, पागलडिया, बेकी, बराक, कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बारपेटा, कचार, दारांग, ग्वालपाड़ा, कामरूप (मेट्रो) और करीमगंज के शहरी इलाकों में भी बाढ़ की खबर है तथा कामरूप एवं करीमगंज में दिन में भूस्खलन हुआ.
316 सड़कें और 20 पुल हो गए क्षतिग्रस्त
कुल 1,13,485.37 हेक्टयर क्षेत्र में लगी फसल एवं 33,84,326 जानवरों पर बाढ़ का असर पड़ा है. दो तटबंध टूट गए तथा 316 सड़कें एवं 20 पुल क्षतिग्रस्त हो गए.
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