दिल्ली: उन्नत सॉफ्टवेयर का उपयोग कर युवाओं को कुशल बनाने की आंध्र प्रदेश सरकार की योजना के 241 करोड़ रुपये की हेराफरी कर मनी लॉन्ड्रिंग किए जाने की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
इनमें सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (sisw) के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) सौम्याद्री शेखर बोस उर्फ सुमन बोस, डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी विकास विनायक खानवेलकर, पूर्व वित्तीय सलाहकार और स्किलर एंटरप्राइजेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता मुकुल चंद्र अग्रवाल लिमिटेड और चार्टर्ड एकाउंटेंट सुरेश गोयल शामिल हैं। सभी को विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत ने ईडी की हिरासत में भेज दिया है। मामले की जांच आंध्र प्रदेश सीआईडी कर रही है।
फर्जी बिल (fake bill) बनाकर शेल कंपनियों को ट्रांसफर किया गया पैसा:
जांच में पता चला है कि स्किलर एंटरप्राइजेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने हेराफरी और शेल कंपनियों का जाल बनाकर इस सरकारी पैसे को डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया। इसके लिए बिना किसी वास्तविक आपूर्ति के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, सामग्री और सेवाओं की आपूर्ति के फर्जी बिल बनाए गए। ईडी ने अब तक करीब 70 करोड़ रुपये की हेराफेरी का पता लगा लिया है।