कडप्पा सांसद अविनाश रेड्डी को अग्रिम जमानत,विवेकानंद हत्या मामले में हुई थी सजा

Update: 2023-05-31 11:02 GMT

हैदराबाद। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में कडप्पा के सांसद वाई.एस. अविनाश रेड्डी को कुछ शर्तों के साथ बुधवार को अग्रिम जमानत दे दी। पिछले सप्ताह सुनवाई पूरी कर चुके जस्टिस एम. लक्ष्मण ने बुधवार को आदेश सुनाया। कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दी है। इसने निर्देश दिया कि सांसद सीबीआई की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकते। आदेश में कहा गया है, याचिकाकर्ता अभियोजन पक्ष के गवाहों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा या किसी सबूत को नहीं बदलेगा।

न्यायाधीश ने अविनाश रेड्डी को जांच में सहयोग करने और पूरे जून महीने हर शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक तथा जांच के लिए आवश्यक होने पर नियमित रूप से सीबीआई पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी फैसला सुनाया कि सीबीआई द्वारा याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी की स्थिति में उसे पांच लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो सिक्यूरिटी पर जमानत पर रिहा किया जाएगा।

सीबीआई और विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी ने अग्रिम जमानत का विरोध किया था। हालांकि, सभी की दलीलें सुनने के बाद अदालत को याचिकाकर्ता से सीबीआई द्वारा हिरासत में पूछताछ का कोई औचित्य नहीं लगा। अविनाश रेड्डी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी के चचेरे भाई हैं। वह इस महीने तीन बार सीबीआई से समन मिलने के बावजूद पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए।

सांसद 16 मई और 19 मई को हैदराबाद में सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए थे। उन्होंने 16 मई को पुलिवेंदुला में पूर्व-निर्धारित आधिकारिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए चार दिन का समय मांगा था। उन्होंने 19 मई को सीबीआई को बताया कि उनकी मां बीमार है। उन्हें कुरनूल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सांसद भी वहीं रह रहे थे।केंद्रीय एजेंसी ने 19 मई को एक नया नोटिस जारी किया था, जिसमें उसे 22 मई को उसके हैदराबाद कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया था।

संभावित गिरफ्तारी के लिए सीबीआई अधिकारियों के कुरनूल पहुंचने की खबरों के बीच, उन्होंने सीबीआई को पत्र लिखकर अपनी मां की स्थिति को देखते हुए 27 मई तक पेशी से छूट मांगी। विवेकानंद रेड्डी दिवंगत मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के भाई और जगन मोहन रेड्डी के चाचा थे। उनकी चुनाव से कुछ सप्ताह पहले 15 मार्च 2019 को पुलिवेंदुला स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी।

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