चंडीगढ़ के निजी स्कूलों को प्रशासन का आदेश: अब बच्चों को फीस में देनी पड़ेगी छूट

Update: 2022-03-05 10:24 GMT

चंडीगढ़ पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रधान नितिन गोयल ने चंडीगढ़ प्रशासन के 15 प्रतिशत तक छूट संबंधी फैसले का स्वागत किया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि प्रशासन को वर्ष 2021-22 के सत्र के लिए भी यह राहत देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि स्कूल काफी समय तक बंद रहे थे। परिजन फीस दे चुके थे। ऐसे में ज्यादा वसूली गई फीस वापस होनी चाहिए। प्रशासन ने यह भी कहा है कि फीस न भर पाने की सूरत में कोई भी निजी स्कूल स्टूडेंट को ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लास लगाने से नहीं रोकेगा। इसमें आउटस्टेंडिंग फीस का एरियर भी न भर पाना शामिल है। इसके साथ ही कहा है कि किसी भी स्टूडेंट के परीक्षा नतीजे को नहीं रोकेगा। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं।

यदि किसी व्यक्तिगत केस में कोई परिजन द्वारा वर्ष 2020-21 सत्र की वार्षिक फीस देने में असमर्थता जताई जाती है तो हमदर्दी दिखाते हुए उस केस पर स्कूल प्रबंधन विचार करेगा। स्कूल प्रबंधन दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं के लिए किसी स्टूडेंट का नाम फीस न भरने के चलते नहीं रोकेगा। हालांकि कानूनी तरीके से स्कूल प्रबंधन आउटस्टेंडिंग रकम की रिकवरी के लिए स्वतंत्र है। वर्ष 2020-21 के सत्र में निजी स्कूल प्रशासन की मंजूरी के बिना ट्यूशन फीस नहीं बढ़ाएगी। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत आदेश वापस लिया गया है। ऐसे में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को अप्रैल से बढ़ी हुई फीस देनी पड़ेगी।

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