24 घंटे में 6 की डूबने से हुई मौत

Update: 2023-07-25 10:12 GMT
उत्तर प्रदेश |  फर्रुखाबाद जिले में बीते एक सप्ताह से खतरे के निशान से 15-20 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा गंगा का पानी बाढ़ ग्रस्त गांवों के लोगों के लिए जानलेवा बन रहा है। गांवों में जलभराव होने से सड़क, गलियां कट गई हैं। जलभराव के कारण सड़क कहां से कट गई है, इसका पता ही नहीं चलता है। इसके चलते बीते 24 घंटे में राजेपुर ब्लॉक क्षेत्र में पांच और सदर क्षेत्र में एक युवक की डूबने से मौत हो गई।
बता दें कि नरौरा बैराज से छोड़े जाने वाले पानी में भले ही एक लाख क्यूसेक की कमी आई हो, मगर पांचाल घाट पर मीटर गेज स्थिर है। अभी भी गंगा खतरे के निशान से 15 सेमी ऊपर बह रही हैं। बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिल रही है। जलभराव में सड़ांध के चलते बीमारियां भी पैर पसारने लगी हैं। घरों, सड़कों पर कैद लोगों का जीवन संकट में है। शहर के मोहल्ला कांशीराम कालोनी में पांचवें दिन भी किसी ने राहत सामग्री पहुंचाने की जरूरत नहीं समझी। लोगों को दो वक्त की रोटी मिलना भी मुश्किल हो गया है। गंगा की बाढ़ के चलते अंबरपुर की मडैया, उदयपुर, कंचनपुर, करनपुर घाट, मंझा, ऊगरपुर, हरसिंहपुर कायस्थ सैदापुर आदि कई गांवों को जाने वाले रास्ते बंद हैं। घरों में चार-चार फीट पानी भरा होने से लोग छतों पर समय गुजार रहे हैं।
सबसे अधिक दिक्कत कच्चे मकानों और झोपड़ी में रहने वाले गरीबों के सामने है। तमाम लोग सड़कों और ऊंचे स्थानों की ओर चले गए हैं। वहां न तो रोशनी है और न ही खाने-पीने का इंतजाम। प्रशासन सहायता के नाम पर खानापूरी कर रहा है। गांव के लोगों ने बताया कि घरों में कैद होने से कमाने भी नहीं जा पा रहे हैं। परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है।क्षेत्र के गांव पथरामई, शेखपुर, दुदेमई, कारव, जात नगला, सिग्नपुर, इकलेरा, शाहपुर, गंगपुर, बिहारीपुर, बौरा, दया माखी पैंथर आदि 30 से अधिक गांवों में पानी भरा है। मकान पानी से लबालब हैं। लिहाजा लोग छतों और ऊंचे स्थानों पर समय काट रहे हैं। कई-कई किमी दूर तक जल ही जल नजर आ रहा है। खेतों में खड़ी लाखों रुपये की फसलें बर्बाद हो गई।
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