कोलकाता के आसपास की इन जगहों पर ले सकते हैं वीकेंड ट्रिप का मजा, छुट्टियाँ गुजरेगी बेहतरीन

कोलकाता के आसपास की इन जगहों पर ले सकते

Update: 2023-06-02 11:09 GMT
छुट्टियों के दिन जारी हैं और सभी इन दिनों में घूमने का मजा लेना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोग समय की कमी के चलते सिर्फ वीकेंड में घूमने की प्लानिंग करते हैं। ऐसे में आप चाहें तो कोलकाता का चुनाव कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता को देश का दिल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। एक समय कोलकाता देश की राजधानी हुआ करती थी। आज भी इसे भारत की सांस्कृतिक राजधानी कहलाने का गौरव मिला हुआ है। कोलकाता 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से मशहूर है जहां आप खुलकर घूमने का मजा ले सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कोलकाता के पास के प्रमुख स्थान की जानकारी देने जा रहे हैं जो पर्यटकों को अपनी प्राकृतिक सुंदरता, इतिहास, कला और संस्कृति से आकर्षित करते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
सुंदरबन
कोलकाता से लगभग 109 किलोमीटर दूर, यह दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है। सुंदरवन शाही बंगाल के बाघों, जलमार्गों और जलीय प्रजातियों के लिए जाना जाता है। मैंग्रोव के एक बड़े हिस्से को राष्ट्रीय उद्यान में बदल दिया गया है। सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान केवल नाव के माध्यम से सजनेखली द्वीप तक पहुँचा जा सकता है, जो राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। आप सुंदरवन नेशनल पार्क में वाइल्डलाइफ बोट सफारी ले सकते हैं क्योंकि टाइगर रिजर्व में द्वीप, जलमार्ग, खाड़ियाँ और नहरें हैं। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल वन्य जीवन का आनंद लेने के लिए एक आदर्श स्थान है। सुंदरवन टाइगर रिजर्व के पास सजनेखली पक्षी अभयारण्य पक्षी देखने के लिए सबसे अच्छी जगह है। जंगल की वनस्पतियों में सुंदरी के पेड़ शामिल हैं जो जंगल को अपना नाम देते हैं। जंगल में लगभग 30,000 चित्तीदार हिरण और लगभग 400 शाही बंगाल बाघ हैं।
बिश्नुपुर
यह कोलकाता से 140 किलोमीटर दूर हैं। एतिहासिक शहर बिश्नुपुर आठवीं सदी में स्थापित हिन्दू मल्लभूम राज्य की राजधानी हुआ करता था। यह राजवंश पुराने समय में बंगाल का सबसे महत्त्वपूर्ण राजवंश हुआ करता था। इस नगर के चारों ओर आपको पुरानी दुर्गबंदी नजर आएगी और यहाँ एक दर्जन से भी ज्यादा मंदिर हैं, जहां आप घूमने जा सकती हैं। बिश्नुपुर पश्चिम बंगाल, भारत में बंकुर जिला का एक शहर है। यह अपने टेराकोटा मंदिरों मल्ला श्री कृष्णा रासलिला और बालूशेरी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।
मायापुर
महानगर की आपाधापी से आपका मन अगर ऊब चुका हो और ज़रा शांत वातावरण चाहते हों तो मायापुर की यात्रा कर सकते हैं। यहाँ के आध्यात्मिक माहौल में मन शांत हो जाता है और आप पूरी तरह तरोताज़ा महसूस करने लगते हैं। बता दें कि हुगली और जलंगी नदी के तट पर बसा मायापुर श्री चैतन्य महाप्रभु के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ इस्कॉन की ओर से भव्य मंदिर बनवाया गया है जो कि मुख्य आकर्षण माना जाता है। इसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं जिनमें भक्त और सैलानी दोनों शामिल हैं।
शांतिनिकेतन
कोलकाता से लगभग 164 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शांतिनिकेतन एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय के लिए प्रसिद्ध है। शांतिनिकेतन एक के रूप में विकसित हुआ है शहर और कोलकाता के पास एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बन गया है। विश्वविद्यालय में खुली हवा में शिक्षा की अवधारणा है। विश्वविद्यालय में बिनोद बिहारी मुखोपाध्याय, नंदलाल बोस और रवींद्रनाथ टैगोर की कई खूबसूरत पेंटिंग, भित्ति चित्र, भित्ति चित्र और मूर्तियां हैं। उत्तरायण परिसर में पांच इमारतें हैं, जो विरासत की इमारतें हैं। यह वह परिसर है जहां टैगोर रहते थे। अब इसमें एक संग्रहालय और एक आर्ट गैलरी है। शांतिनिकेतन जाने का सबसे अच्छा समय त्योहारों और मेलों के दौरान होता है जैसे मार्च में बसंत उत्सव, जनवरी में जॉयदेव मेला और दिसंबर में पौष मेला। इन आयोजनों के दौरान, प्रसिद्ध बाउल गायक अपने प्रदर्शन से आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। शांतिनिकेतन पारंपरिक हस्तशिल्प जैसे बाटिक, मिट्टी के बर्तन, बुनाई और कढ़ाई का भी केंद्र है
दीघा
कोलकाता के निकट समुद्रतट का आनंद लेना हो तो दीघा का रुख कर सकते हैं। जानकर हैरानी होगी कि इसे बंगाल का गोवा भी कहा जाता है। दरअसल बंगाल की खाड़ी के होने से बंगाल के लोग समुद्र का बखूबी आनंद उठाते हैं। यहाँ समुद्र शांत रहता है और पर्यटक प्राकृतिक छटा को निहारने के साथ ही तैराकी करते हैं। न्यू दीघा और ओल्ड दीघा दो भागों ये बटा हुआ है। कोलकाता से महज 185 कि।मी। की दूरी पर स्थिति दीघा यूँ तो एक दिन के दौरे में भी निपटा जा सकता है लेकिन वीकेंड बिताएँ तो बेहतर हो सकता है। वहीं कोलकाता से लगभग 160 किमी दूर एक और समुद्र तट मंदारमनी है जो कि हाल के वर्षों में खासा लोकप्रिय हुआ है। खासकर प्रेमी जोड़ों के लिए ये समुद्रतट फेवरिट जगहों में शुमार हैं।
बैरकपुर, कोलकाता से 30 किलोमीटर दूर, 1857 के सिपाही विद्रोह के केंद्र में था। इस ऐतिहासिक शहर में घूमने के लिए कई जगह हैं जैसे शिवशक्ति अन्नपूर्णा मंदिर, दक्षिणेश्वर काली मंदिर की प्रतिकृति। 700 साल पुराना यह काली मंदिर स्वतंत्रता सेनानियों का मिलन स्थल था। शहीद मंगल पांडे उद्यान, स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे के नाम पर एक उद्यान, बैरकपुर में स्थित है। यहां की कुछ सबसे लोकप्रिय गतिविधियों में पिकनिक मनाना और गंगा नदी पर नाव की सवारी करना शामिल है। उद्यान के अलावा, विजयंत स्मारक भी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। गांधी संग्रहालय या गांधी स्मारक संग्रहालय भारत के अनुसंधान केंद्रों में से एक है। इस संग्रहालय में पांच गैलरी, एक अध्ययन केंद्र और एक विशाल पुस्तकालय है। गांधी संग्रहालय में महात्मा की तस्वीरों और व्यक्तिगत वस्तुओं का एक विशाल संग्रह है। जवाहरकुंजा गार्डन अपनी शांति और शांति के लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है, जो इसे एक आदर्श पिकनिक स्थल बनाता है।
हज़ारद्वारी
कोलकाता से लगभग 230 किमी दूर मुर्शिदाबाद जिले में हजारद्वारी महल मौजूद है। बंगाल के नवाब ने इसे 19वीं शताब्दी में बनवाया था। इसके नाम से ही पता चलता है कि इसमें हज़ार गेट होंगे। बता दें कि इस महल में वाकई हज़ार गेट हैं लेकिन 100 ही असली गेट हैं बाकी 900 गेट नकली हैं। इतिहास को पलटें तो मालूम होता है कि इसे नवाब की सुरक्षा के लिए ख़ास तौर पर डिज़ाइन किया गया था ताकि महल में अगर कोई अनजान दुश्मन प्रवेश करता भी है तो वो इतने दरवाजों को देखकर कन्फ्यूज़ हो जाएगा। आजकल इसे भारतीय पुरातत्व विभाग की देखरेख में रखा गया है। आप हज़ारद्वारी जाकर नवाबी इतिहास में गोते लगा सकते हैं।
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