Yoga: इन पांच आसन से मिल सकते हैं कई लाभ, जानें करने के तरीके

हम अपने को स्वस्थ रखने के लिए काफी कुछ करते हैं,

Update: 2021-02-08 14:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क:  हम अपने को स्वस्थ रखने के लिए काफी कुछ करते हैं, जिनमें से एक है योग करना। योग का अर्थ होता है जीवात्मा का परमात्मा से मिल जाना और पूरी तरह से एक हो जाना। योग इंसान को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ तंदुरुस्त भी बनाता है। योग में कई ऐसे आसन है, जिनकी मदद से हमारे शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं। योग कई युगों से चला आ रहा है और अब पूरा विश्व हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाता है। तो चलिए हम आपको योग के कुछ ऐसे आसन के बारे में बताते हैं, जो आपको फायदे दे सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।

गोमुखासन

इस आसन को करने के लिए आपको सबसे पहले दोनों पैर फैलाकर बैठना है और फिर बाएं पैर को मोड़कर एंड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखना है। इसके बाद आपको दाएं पैर को मोड़ना है और उसे बाएं पैर के ऊपर इस प्रकार रखना है कि दोनों घुटने एक-दूसरे के ऊपर आ जाएं। फिर दाएं हाथ को ऊपर उठाकर पीठ की और मोड़ना है, साथ ही हाथ को पीठ के पीछे नीचे से लाकर दाएं हाथ को पकड़ना है। इस दौरान गर्दन और कमर को सीधा रखना है। एक मिनट तक ऐसा करने के बाद फिर दूसरी तरफ भी ऐसे ही करना है। इस आसन से यकृत, गुर्दे और वक्ष स्थल को बल मिलता है।
गोरक्षासन
इस आसन में आपको दोनों पैरों की एड़ी और पंजे आपस में मिलाकर सामने रखने हैं और फिर सीवनी नाड़ी को एडियों पर रखते हुए उस पर बैठ जाइए। इस दौरान दोनों घुटने जमीन पर लगे हुए होने चाहिए। वहीं, हाथों का ज्ञान मुद्रा कि स्थिति में घुटनों पर रखें। इससे मांसपेशियों में रक्त संचार ठीक रूप से होकर वो स्वस्थ होती हैं। साथ ही इंद्रियों की चंचलता समाप्त करके मन में शांति प्रदान करने में भी लाभ मिलता है।
स्वस्तिकासन
इसमें आपको जमीन पर एक मैट बिछाकर उस पैर फैलाकर बैठना है। फिर बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दाहिने जंघा और पिंडली के बीच इस प्रकार से स्थापित करना है कि बाएं पैर का निचला हिस्सा छुप जाएं। इसके बाद दाहिने पैर के पंजे के तले को बाएं पैर के नीचे से जांघ और पिंडली के बीच में स्थापित करने से स्वस्तिकासन बन जाता है। वहीं, ध्यान मुद्रा में बैठें और रीढ़ सीधी करके श्वास खींचकर यथाशक्ति रोकें। ऐसे ही पैर बदलकर भी करें। इससे आपके पैरों का दर्द, पसीना आना, पैरों का गर्म या ठंडापन दूर होने में मदद मिलती है।
योगमुद्रासन
इसमें आपको जमीन पर पैर सामने फैलाकर बैठने हैं। फिर बाएं पैर को उठाकर दाईं जांघ पर इस प्रकार लगाना है की बाएं पैर की एडी नाभि के नीचे आ जाए। इसके बाद दाएं पैर को उठाकर इस तरह लाना है कि बाएं पैर की एडी के साथ नाभि के नीचे मिल जाए। दोनों हाथ पीछे ले जाकर बाएं हाथ की कलाई को दाहिने हाथ से पकड़ना है और फिर श्वास छोड़ना है। इसके बाद सामने की तरफ झुकते हुए नाक को जमीन से लगाने का प्रयास करें। ये क्रिया आप हाथ बदलकर भी कर सकते हैं। इसे करने से स्वभावन विनम्र और चेहरा सुंदर होने में मदद मिलती है।


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