नई दिल्ली। पति-पत्नी का रिश्ता बहुत पवित्र, एक-दूसरे पर भरोसा करने वाला और प्यार लुटाने वाला है. इस रिश्ते में दोनों को बराबरी का दर्जा दिया गया है. साथ ही मजबूत रिश्ते के लिए दोनों के कुछ कर्तव्य और जिम्मेदारियां भी बताई गईं हैं. इन बातों का उल्लेख धर्म-पुराणों से लेकर देश के संविधान तक में किया गया है. दुनिया के महान विद्वान कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और मार्गदर्शक आचार्य चाणक्य ने भी पति-पत्नी के रिश्ते को लेकर बहुत अहम बातें कही हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पति की जिम्मेदारी है कि वह अपनी पत्नी की हर जरूरत का और उसकी सुरक्षा का पूरा ध्यान दे. उसके दर्द को समझे. पत्नी के लिए कहा गया है कि वह हर अच्छे-बुरे वक्त में पति का साथ दे. कुल मिलाकर दोनों एक-दूसरे से अपने हर सुख-दुख साझा करें और साथ दें. ऐसा करना दोनों का एक-दूसरे के प्रति कर्तव्य भी है और अधिकार भी है. अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दोनों को एक-दूसरे से मांग करने का भी पूरा हक है.
चाणक्य नीति कहती है कि यदि पति निराश है या परेशान है तो पत्नी की जिम्मेदारी है कि वह अपने पति को संभाले. पति यदि उससे प्रेम की मांग करे तो पत्नी को उस पर बेहिचक प्यार लुटाना चाहिए. वरना पति बाहर सहारा तलाश कर सकता है. पत्नी को चाहिए कि वह अपने पति को हर खुशी दे. पत्नी का यह अधिकार भी है और कर्तव्य भी है कि वह अपने पति को हमेशा प्यार दे. इस मामले में उसे निराश न करे, ना इनकार करे. इससे उनका दांपत्य जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहता है और हमेशा उनके बीच प्यार बढ़ाता है.