समय-समय पर फर्टिलिटी चेक क्यों है जरूरी? एक्सपर्ट से जानें जवाब
एक्सपर्ट से जानें जवाब
हर कपल एक वक्त के बाद पेरेंट्स बनने की ख्वाहिश रखता है। कुछ कपल्स के लिए कंसीव करना आसान होता है। वहीं, कुछ के लिए कंसीव करने में मुश्किल आ सकती हैं। इनफर्टिलिटी की समस्या आजकल काफी बढ़ती जा रही है। अनियमित जीवनशैली के चलते यह समस्या लोगों को परेशान कर रही है। महिला और पुरुष, दोनों में से किसी एक में भी कमी होने पर इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। अक्सर सिर्फ महिलाओं की फर्टाइल हेल्थ की बात की जाती है। लेकिन कंसीव करने के लिए महिला और पुरुष दोनों की फर्टाइल हेल्थ का सही होना जरूरी है।
फर्टिलिटी के मूल्याकंन और सही समय पर इलाज में फर्टिलिटी चेक्स अहम भूमिका निभाते हैं। समय-समय पर फर्टिलिटी चेक्स क्यों जरूरी हैं, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी प्राइम आईवीएफ की फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, डॉ निशी सिंह दे रही हैं।
समय से फैमिली प्लानिंग
फर्टिलिटी जांच के महत्वपूर्ण कारणों में से एक फैमिली प्लानिंग का बदलता पैटर्न है। कई कारणों के चलते आजकल कपल्स देर से माता-पिता बनने का विकल्प चुन रहे हैं। हालांकि, फर्टिलिटी क्षमता सेंसिटिव है इसलिए यह निर्णय समय से ले लेना चाहिए। फर्टिलिटी जांच कपल्स को उनकी फर्टाइल हेल्थ के बारे में पूरी जानकारी देती है ताकि वह समय से सही प्लानिंग कर सकें।
फर्टिलिटी की सही जांच
इससे फर्टिलिटी की सही जांच हो पाती है। फर्टिलिटी, कई सारी हेल्थ कंडीशन्स पर निर्भर करती है। पीसीओएस, एंडोमेट्रियोसिस और हार्मोनल असंतुलन जैसी हेल्थ कंडीशन्स, महिलाओं की फर्टिलिटी पर असर डालती हैं। इन स्थितियों का पता लगाने के लिए, फर्टिलिटी चेक जरूरी हैं।
फर्टिलिटी जांच के साथ परामर्श
फर्टिलिटी जांच का मतलब महिला और पुरुष का चिकित्सा मूल्यांकन शामिल हैं। इसमें फर्टाइल हेल्थ पर असर डालने वाले, लाइफस्टाइल फैक्टर भी शामिल हैं। न्यूट्रिशन, एक्सरसाइज, स्ट्रेस मैनेजमेंट और भी कई चीजें शामिल हैं। फर्टिलिटी चेक में महिला और पुरुष को सही परामर्श देकर, जीवनशैली से जुड़े सही बदलावों की भी जानकारी दी जाती है।
यूं तो आज की भागदौड़ से भरी जीवनशैली में फर्टिलिटी चेक समय-समय पर करवाना जरूरी हैं। लेकिन अगर आपकी उम्र 35 साल से ऊपर हो चुकी है और आप नेचुरली कंसीव नहीं कर पा रही हैं, तो ये और भी जरूरी हो जाता है। समय समय पर फर्टिलिटी जांच से पार्टनर्स खुलकर एक-दूसरे के सामने अपनी बात रख पाते हैं। एक-दूसरे की फर्टिलिटी स्थिति को समझने से फर्टिलिटी गोल्स, अपेक्षाओं और चैलेंजेस के बारे में सही डिस्कशन हो पाता है।
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