World Vitiligo Day : 25 जून को ही क्यो मनाया जाता है विटिलिगो दिवस

Update: 2024-06-25 04:49 GMT
World Vitiligo Day : हर साल 25 जून का दिन दुनियाभर में विटिलिगो डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को विटिलिगो की समस्या के बारे में जागरूक करना है। विटिलिगो को ल्यूकोडर्मा और सफेद दाग के नाम से भी जाना जाता है। बहुत से लोग इसे छुआछूत की बीमारी मानते हैं, तो आपको बता दें कि ये न ही छुआछूत की बीमारी है और न ही कुष्ठ रोग है। ये स्किन से जुड़ी एक समस्या है। जिसमें त्वचा की रंगत के लिए जरूरी मेलेनोसाइट्स सेल्स धीरे-धीरे नष्ट होनी लगती हैं और इसके चलते त्वचा पर सफेद धब्बे नजर आने लगते हैं। आमतौर पर यह समस्या सबसे पहले होठों पर नजर आती है। फिर धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों पर इसका असर दिखने लगता है।
इस दिन को मनाने के लिए 25 जून की तारीख इसलिए चुनी गई थी, क्योंकि यह फेमस पॉप स्टार माइकल जैक्सन की पुण्यतिथि का दिन है। माइकल जैक्सन भी विटिलिगो की समस्या से ग्रस्त थे और उन्होंने अपनी इस समस्या और उसके चलते जिन-जिन संघर्षों का सामना किया, उस पर खुलकर बात की थी। इसी को देखते हुए द विटिलिगो रिसर्च फाउंडेशन के सीईओ यान वैले ने माइकल जैक्सन की पुण्‍यत‍िथ‍ि का दिन 'विश्व विटिलिगो दिवस' मनाने के लिए चुना। पहली बार विटिलिगो डे साल 2011 में मनाया था।
विटिलिगो डे का महत्व Significance of Vitiligo Day
विश्व विटिलिगो दिवस को विश्व स्तर पर मनाने का मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में बताना है। जो लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं, समाज में उन्हें एक अलग ही नजरिए से देखा जाता है, उन्हें अलग-थलग कर दिया जाता है। मरीज पहले से ही अपनी बीमारी से परेशान रहता है ऊपर से ऐसा भेदभाव होने से उसकी मानसिक स्थिति पर और बुरा प्रभाव पड़ता है। विटिलिगो डे पर तरह-तरह के कार्यक्रमों और जागरूकता अभियान द्वारा लोगों तक इस समस्या के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी पहुंचाने का प्रयास किया जाता है।
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