श्रवण मास में सोमवार महत्वपूर्ण क्यों होता है

Update: 2023-07-24 12:09 GMT
श्रवण मास में सोमवार का महत्वपूर्ण होने का कारण है कि श्रवण मास में हर सोमवार को भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है और इसे "श्रावण सोमवार" या "सावन सोमवार" के रूप में जाना जाता है। यह परंपरागत भारतीय धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है और धार्मिक दृष्टिकोन से विशेष महत्व रखता है।
इस मास के दौरान सोमवार को भगवान शिव का विशेष व्रत रखकर लोग उन्हें प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। सोमवार को भगवान शिव के दिन रखा गया है क्योंकि हिंदू परंपरा में शिव भगवान को सोमवार का दिन विशेष माना जाता है।
कुछ मुख्य कारण जिनके कारण सोमवार श्रवण मास में महत्वपूर्ण होता हैं, वे निम्नलिखित हैं:
1. सोमवार शिवरात्रि: श्रवण मास में, मास के पहले सोमवार को शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। यह रात्रि भगवान शिव की विशेष पूजा एवं उपासना के लिए आराध्य होती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष मान्यता और महत्वपूर्ण फल प्राप्त होता है।
2. सोमवार का व्रत: श्रवण मास के प्रत्येक सोमवार को भक्त भगवान शिव के व्रत को करते हैं। यह व्रत उनके भक्ति में दृढ़ता और समर्पण को प्रकट करता है और भगवान की कृपा प्राप्ति के लिए संबंधित होता है।
3. पौराणिक कथाएं: भगवान शिव के विभिन्न पौराणिक कथाओं में उनके प्रिय दिन के रूप में सोमवार का उल्लेख होता है। इन कथाओं में सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा और उपासना के लिए विशेष महत्वपूर्ण होता है।
4. ग्रह शांति: हिंदू ज्योतिष में सोमवार को चंद्रमा के दिन के रूप में जाना जाता है और इस दिन चंद्रमा की शांति के लिए पूजा की जाती है। भगवान शिव को भी चंद्रमा का देवता माना जाता है और उनकी पूजा से चंद्रमा की दशा में सुधार होता है।
इसलिए, श्रवण मास में सोमवार का महत्वपूर्ण होना भगवान शिव की विशेष पूजा और उपासना के लिए उपलब्धि का विशेष दिन होने के कारण है। इस दिन भगवान शिव की भक्ति और आराधना करने से विशेष फल प्राप्त होता है और आपके जीवन में शांति, समृद्धि और खुशियां आती हैं।
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