क्यों 21 जून को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, जानें इसका महत्व

आधुनिक समय में योग का विशेष महत्व है। इससे जीवन में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है।

Update: 2021-06-18 03:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आधुनिक समय में योग का विशेष महत्व है। इससे जीवन में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है। दैवीय काल से योग किया जाता रहा है। इसके जनक महर्षि पतंजलि हैं। वर्तमान समय में भी दुनियाभर में योग किया जाता है। व्यक्ति योग को अपने जीवन में धारण कर मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकता है। खासकर तनाव को दूर करने के लिए यह रामबाण दवा है। योग विशेषज्ञ हमेशा स्वस्थ रहने के लिए रोजाना योग करने की सलाह देते हैं। इसके लिए दुनियाभर में हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इसे पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया था। उस समय से हर साल 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ रहने के लिए योग के फायदे के प्रति जागरूक करना है। इस साल का थीम "Yoga for well-being"-योगा फॉर वेल बीइंग है। आइए, इसके इतिहास और महत्व के बारे में जानते हैं-

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास
सनातन धर्म के अनुसार, एक साल में दो आयन होते हैं। इसमें पहला उत्तरायण है, जबकि दूसरा दक्षिणायन है। 21 जून से सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। इस समय से दिन छोटे होने लगते हैं, जबकि रातें बड़ी होने लगती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इन दिनों में भौतिक विलासता यथाशीघ्र पूरी होती है। 21 जून को सबसे बड़ा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। इसके लिए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। आधुनिक समय में योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान उस वक्त मिली, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की। इसके बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया।
योग दिवस का महत्व
योग करने से जीवन में अध्यात्म का सृजन होता है। आज दुनियाभर के दर्जनों देशों में योग को जीवन का श्रृंगार माना जाता है। खासकर कोरोना काल में कई कारणों के चलते लोग तनाव भरी जिंदगी जीने लगे हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए योग सबसे बड़ी दवा है। व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए रोजाना योग करना चाहिए।


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