अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस क्यों मनाया जाता है,जानें इनके महत्व और इस दिन के बारे में

पर्वतों और पहाड़ों के बिना दुनिया अधूरी है.

Update: 2020-12-11 08:19 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| पर्वतों और पहाड़ों के बिना दुनिया अधूरी है. ये पर्वत ही हैं तो हमारी रक्षा भी करते हैं और हमारे मन को खुश भी करते हैं. पर्वतों की खूबसूरती, ऊंचाईयां, और हरियाली हर किसी का मन मोह लेती हैं. पर्वतों में बहुत से लोग रहते भी हैं जो यहीं पर काम करके अपना जीवन व्यतीत करते हैं. हर साल 11 दिसंबर को पूरी दुनिया विश्व अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day 2020) के रूप में मनाती है. इस दिन का उद्देश्य पहाड़ों के संरक्षण और इसकी समृद्ध जैव विविधता के बारे में जागरुकता बढ़ाना है. आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस का इतिहास  

अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस का गठन 1992 में तब हुआ जब एजेंडा 21 के अध्याय 13 के "प्रबंधनीय पारिस्थितिक तंत्र: सतत पर्वत विकास" को पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में अपनाया गया. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2002 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय पर्वत वर्ष घोषित किया था और 2003 के 11 दिसंबर से अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाने का संकल्प लिया. पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस 11 दिसंबर 2003 को मनाया गया और तभी से हर साल यह एक विशेष विषय के साथ मनाया जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस का महत्व 

अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस का महत्व लोगों को पर्वतों और फ्राकृतिक परिदृश्य को लेकर जागरूक करना है. धीरे-धीरे अब जलवायु और भूमिगत परिवर्तनों के कारण पर्वतों की भूगोलिक स्थिति में परिवर्तन आ रहा है. पर्वतों को काटा जा रहा है और वनों को नष्ट किया जा रहा है. ऐसा करना हमारी आने वाली आबाद के लिए काफी मुश्किल खड़ी कर सकता है. ऐसे में जरूरी है कि लोग पर्वतों के प्रति अपने दायित्वों को समझें, इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर प्रतिवर्ष इस दिन का आयोजन होता है.

 

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