प्रेग्नेंसी के बाद क्यों हो जाता है डिप्रेशन? जानें

हो जाता है डिप्रेशन? जानें

Update: 2023-10-05 09:09 GMT
:मां बनना दुनिया की सबसे बड़ी खुशी है। नन्हे मेहमान के आने की खुशी में जहां मां के अंदर खुशी की तरंगे लहराती है तो वहीं घर परिवार खिल उठता है। हालांकि प्रेग्नेंसी के बाद हर महिला की जिंदगी में कई तरह के बदलाव आते हैं। अधिकतर महिलाओं को गहरी उदासी का सामना करना पड़ता है। इस उदासी को पोस्टपार्टम डिप्रेशन के नाम से जाना जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि आखिर प्रेग्नेंसी के बाद क्यों डिप्रेशन हो जाता है। इस बारे में जानकारी दे रहे हैं पीएसआरआई अस्पताल के कंसल्टेंट साइकेट्रिस्ट डॉ.परमजीत सिंह।
क्यों होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन
एक्सपर्ट कहते हैं कि लगभग सभी नई माताओं को इस समस्या से गुजरना पड़ता है। ये कोई बीमारी नहीं बल्कि एक सामान्य इमोशनल रिएक्शन माना जाता है। इसका कोई एक कारण नहीं होता है। ये शारीरिक और इमोशनल रिएक्शन का संयोजन है। दरअसल बच्चे के जन्म के बाद आपका शरीर कई तरह के हार्मोनल बदलाव से गुजरता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव को इसका प्रमुख कारण माना जाता है।
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन प्रेग्नेंसी में कई गुना बढ़े होते हैं,वह प्रसव के बाद तेजी से गिरकर सामान्य लेवल तक आते हैं। इसके कारण थकावट(थकान दूर करने के लिए ये टिप्स अपनाएं) सुस्ती और उदासी महसूस हो सकती है। इसके अलावा नया मातृत्व, नवजात की देखभाल को लेकर बढ़ी चिंता भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन का कारण माना जाता है। ये समस्या कुछ महिलाओं में कुछ ही दिनों बाद ठीक हो जाता है, वहीं कुछ में लंबे वक्त तक रहता है।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण
नींद से संबंधित दिक्कतें
भूख की कमी
थकान और सुस्ती
उदास या चिड़चिड़ापन होना
मूड स्विंग (मूड स्विंग से ऐसे पाएं आजादी)
बच्चे से जुड़ाव ना महसूस होना
किसी भी चीज़ में खुशी का एहसास ना होना
नेगेटिव विचार आना
जरूरत से ज्यादा चिंता और फिक्र
बेचैनी महसूस होना
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपके आसपास या आपके घर में किसी महिला में ऐसे लक्षण दिखें तो उसे सुस्त या बुरी मां कहना गलत होगा। ये एक तरह का रोग है जिसे ठीक किया जा सकताहै। दवाएं और काउंसलिंग के जरिए इसका इलाज संभव है। एक्सपर्ट कहते हैं कि मानसिक रोगों का इलाज संभव है अगर सही समय पर कदम उठाया जाए
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