क्यों बजाई जाती है पूजा के समय घंटियां, आइए घंटी बजाने के कुछ वैज्ञानिक कारणों पर भी नजर डालें

हिन्दू रीति रिवाजों में पूजा और अनुष्ठान के समय वैसे तो कई प्रकार के ध्वनि यंत्रों का प्रयोग होता है

Update: 2021-12-17 11:12 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू रीति रिवाजों में पूजा और अनुष्ठान के समय वैसे तो कई प्रकार के ध्वनि यंत्रों का प्रयोग होता है. लेकिन इनमें से प्रमुख है घंटी या घंटे. यह एक प्रकार का ध्वनि यंत्र है जिसे एक विशेष धुन के साथ मंदिरों या देवालयों में बजाया जाता है. हिन्दू मान्यताओं में पूजा के समय घंटी बजाना शुभ माना जाता है, और यह प्रथा वैदिक काल से चली आ रही है. घंटी बजाने को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं हैं और साथ ही इसके कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं. तो आइये जानते है क्यों बजाई जाती है पूजा के समय घंटियां.

1. घंटी बिना पूजा अधूरी
माना जाता है कि घंटी के बिना पूजा अधूरी होती है. घंटियों की आवाज से स्थान और वातावरण पवित्र होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान ब्रम्हा ने सृष्टि की रचना की थी, तब जो नाद गूंजा था ठीक वैसी ही आवाज घंटी बजाने से भी आती है. उसी नांद का प्रतीक मानकर पूजा और अनुष्ठानों में घंटियों को बजाया जाता है. एक मान्यता के अनुसार जब प्रलय आएगा तब भी इसी प्रकार की नाद गूंजेगा. मंदिर के बाहर लगी घंटी या घंटे को काल का प्रतीक भी माना जाता है.
2. प्रतिमा में चेतना जागृत होती है
मंदिर और देवालयों में घंटी बजाने के पीछे एक मान्यता यह भी है कि घंटियों की आवाज से मंदिर के स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं में चेतना जागृत होती है.
3. दैवीय उपस्थिति की अनुभूति
घंटी या घंटे की ध्वनि कर्ण प्रिय होती है जो मन-मस्तिष्क को आध्यात्म भाव की ओर ले जाने का सामर्थ्य रखती है. घंटी की लय से जुड़कर व्यक्ति शांति का अनुभव करता है. देवालयों में बजने वाली घंटियों की आवाजों से वहां मौजूद लोग दैवीय उपस्थिति की अनुभूति करते हैं.
4. 'ॐ' की ध्वनि समान
पुराणों के अनुसार घंटी से जो ध्वनि निकलती है वह 'ॐ' की ध्वनि के सामान होती है, इसलिए कहा जाता है कि जब हम घंटी बजाते है तो हमें "ॐ" उच्चारण के समान पुण्य प्राप्त होता है.
आइये घंटी बजाने के कुछ वैज्ञानिक कारणों पर भी नजर डालें
1. वैज्ञानिक शोध के अनुसार घंटी या घंटे बजाने से जो ध्वनि होती है उससे वातावरण में कंपन उत्पन्न होता है. जो कंपन के रूप में काफी दूर तक जाता है जिससे इसके रास्ते में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और हानिकारक सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं और वातावरण शुद्ध होता है.
2. घंटियां कैडमियम, जिंक, निकेल, क्रोमियम और मैग्नीशियम से बनी होती हैं. जब इन्हें बजाया जाता है तो यह ध्वनि हमारे मस्तिष्क के दाएं और बाएं हिस्से को संतुलित करने का काम करती है.
3. घंटियों की आवाज में मानव शरीर के सभी हीलिंग सेंटर को एक्टिवेट करने की खासियत होती है. इसकी ध्वनि से एकाग्रता बढ़ती है और मन शांत रहता है.


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