किसे होता है कम बोन डेंसिटी होने का खतरा
पुरुषों की तुलना में महिलाओं की हड्डियां छोटी तथा पतली होती हैं।
शरीर को चुस्त-दुरुस्त और एक्टिव बनाए रखने के लिए हड्डियों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। वरना इससे ऑस्टियोपोरोसिस होने के खतरा हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां कमजोर या भंगुर हो जाती हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना ज्यादा होती है। इस वजह से महिलाओं के लिए अपने हड्डियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां इतनी कमजोर और भंगुर हो जाती हैं कि गिरने या हल्का तनाव जैसे झुकने या खांसने से भी फ्रैक्चर हो सकता है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं की हड्डियां छोटी तथा पतली होती हैं। इसके अलावा कई महिलाओं को हड्डी बनाने वाले वे पोषक तत्व नहीं मिलते हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है। इसके अलावा महिलाओं मे उम्र बढ़ने पर उनके एस्ट्रोजन का स्तर भी कम हो जाता है। यह महिलाओं में पाया जाने वाला आवश्यक हार्मोन है। यह हार्मोन हड्डियों की रक्षा करता है। जब महिलाएं मेनोपॉज तक पहुंचती हैं तो एस्ट्रोजेन तेजी से घटता है। जिससे हड्डियां कमज़ोर हो जाती है। इन्हीं सब फैक्टर्स की वजह से महिलाओं मे ऑस्टियोपोरोसिस होने का ख़तरा ज्यादा होता है। इस वजह से बोन्स की समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए।
आइए अब कुछ टेस्ट या स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं पर एक नजर डालते हैं, जिन्हें महिलाओं को अपने हड्डियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए करवाना चाहिए:
बोन डेंसिटी स्कैन या DEXA स्कैन
आपकी हड्डियां कितनी मजबूत हैं, यह देखने के लिए बोन डेंसिटी स्कैन या DEXA स्कैन कम-डोज वाले एक्स-रे का उपयोग किया जाता है। इस टेस्ट को कई नामों से जाना जाता है, जैसे- बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट या बीएमडी टेस्ट, डीएक्सए और डुअल-एनर्जी एक्स-रे आदि। ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम फैक्टर्स के आधार पर एक महिला को कम से कम एक बार 58 साल या उससे पहले की उम्र में इस टेस्ट को कराना चाहिए।
इस टेस्ट का उपयोग शरीर में फैट (चर्बी) और दुबले शरीर के द्रव्यमान को निर्धारित करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान करने और उसे रोकने के लिए भी इस प्रक्रिया को अमल में लाया जाता है।डायग्नोस्टिक प्रक्रिया शरीर के फैट प्रतिशत या आपकी हड्डी के मिनरल डेंसिटी को मापकर यह पता लगाने में मदद करती है कि आपकी हड्डियां फ्रैक्चर और चोटों के प्रति कितनी संवेदनशील हैं। अगर आपको हड्डियों की समस्या, जैस ऑस्टियोपोरोसिस होने का ज्यादा जोखिम है, तो डॉक्टर स्कैन या टेस्ट कराने की सिफारिश कर सकते हैं।
बोन डेंसिटी स्कैन का मुख्य रूप से ऑस्टियोपेनिया (कम हड्डी का द्रव्यमान), और ऑस्टियोपोरोसिस का डायग्नोसिस करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस टेस्ट से भविष्य मे फ्रैक्चर होने के खतरे को भी भांपा जा सकता है। इस टेस्ट से यह भी देखा जा सकता है कि ऑस्टियोपोरोसिस के लिए उपचार काम कर रहा है या नहीं। 65 या उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं में बोन डेंसिटी (हड्डियों के घनत्व) को खोने का उच्च जोखिम होता है, जिससे फ्रैक्चर हो सकता है, इसलिए उन्हें बोन डेंसिटी स्कैन करवाना चाहिए।
आर्थोपेडिक हेल्थ स्क्रीनिंग
उन महिलाओं के लिए एक आर्थोपेडिक स्वास्थ्य जांच की सिफारिश की जाती है जिनके पास जोड़ों से संबंधित समस्याओं, अर्थरायटिस या ऑस्टियोपोरोसिस का पारिवारिक इतिहास है। आमतौर पर इस स्क्रीनिंग में हड्डियों और जोड़ों की किसी असामान्यताओं या टूट-फूट के संकेतों को जांचा जाता है। बोन डेंसिटोमेट्री, डिस्कोग्राफी, स्केलेटल स्किन्टिग्राफी, माइलोग्राफी और इलेक्ट्रोमोग्राफी कुछ सामान्य आर्थोपेडिक टेस्ट हैं। इनमें से अधिकांश टेस्ट एक्स-रे, डेक्सा एमआरआई, अल्ट्रासाउंड और कंप्यूटेड टोमोग्राफी जैसी सिद्ध तकनीक पर निर्भर करते हैं।
कम बोन डेंसिटी होने का खतरा किसे होता है?
जिन महिलाओं के शरीर का वजन बहुत कम होता है, 50 वर्ष की आयु के बाद एक या एक से ज्यादा फ्रैक्चर हुए हैं, एक वर्ष के भीतर आधा इंच या अधिक ऊंचाई कम हो गई है, और ऑस्टियोपोरोसिस का पारिवारिक इतिहास है उनमें कम बोन डेंसिटी होने का ज्यादा ख़तरा होता है। इसके अलावा शारीरिक गतिविधि की कमी, धूम्रपान, ज्यादा शराब पीने और खानपान में पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी नहीं लेने से भी महिलाओं में हड्डियों का घनत्व कम हो सकता है।
महिलाओं में बोन डेंसिटी (हड्डियों के घनत्व) को मापने के लिए डेक्सा स्कैन सबसे आम और प्रभावी तरीका है। हालांकि आपका हेल्थ प्रोवाइडर डायग्नोसिस की पुष्टि करने के लिए या यह पता लगाने के लिए कि हड्डी के नुकसान का इलाज़ काम कर रहा है या नहीं, आदि के लिए और भी टेस्ट कराने का आदेश दे सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस की जांच के लिए 50 वर्ष से ज्यादा की सभी महिलाओं को बोन डेंसिटी स्कैन करवाना चाहिए। चूंकि रोकथाम इलाज से बेहतर होता है, इसलिए हड्डियों को कमजोर होने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका मजबूत हड्डियों का निर्माण करना है। इसलिए जीवन में बाद में ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए, बचपन और किशोरावस्था के दौरान हड्डियों को मजबूत करना महत्वपूर्ण होता है।