क्या होता है फिशर और फिस्टुला? जानिए

कई बार लोग फिशर और फिस्टुला को लेकर संशय में रहते हैं क्योंकि इन कुछ लक्षण सामान्य हैं

Update: 2021-06-09 14:53 GMT

कई बार लोग फिशर और फिस्टुला को लेकर संशय में रहते हैं क्योंकि इन कुछ लक्षण सामान्य हैं लेकिन बहुत आवश्यक है कि समय रहते इनका पता लगा लिया जाए नहीं तो आगे चलकर बीमारी विकराल रूप ले लेती है और मरीज को बहुत परेशान होना पड़ जाता है। दोनों ही बीमारियों का संबंध गुदा से है। फिशर को एनल फिशर भी कहा जाता है। दोनों ही समस्याएं तब जन्म लेती है जब आपको कब्ज की समस्या बनी रहती है। फिशर और फिस्टुला के मरीजों को लंबे समय तक मल को नहीं रोककर रखना चाहिए, नहीं तो ये समस्याएं और भी गंभीर रूप ले सकती हैं। खुद से ध्यान रखने के अलावा सही समय पर चिकित्सकीय परामर्श लेकर ही इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। अगली स्लाइड्स से जानिए क्या होता है फिस्टुला और फिशर?

फिस्टुला क्या होता है?

बीमारी तो कोई भी खराब ही होती है लेकिन फिस्टुला एक बहुत पीड़ादायी बीमारी है। इस बीमारी में व्यक्ति के गुदा में फोड़े आने लग जाते हैं। यह फोड़े उठने- बैठने में भी दर्द करने लगते हैं। मल त्यागने में भी बहुत समस्या आती है और रक्तस्राव भी हो जाता है। यदि सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो मरीज को कैंसर होने का भी खतरा रहता है। जो लोग सिगरेट,शराब का ज्यादा सेवन करते हैं, उन्हें भी फिस्टुला हो सकता है। 

फिशर क्या होता है? 

फिशर की बीमारी में गुदा नलिका में एक प्रकार की दरार आ जाती है। जिन्हें कब्ज होता है या कठोर मल निकलता है, उन्हें यह दरार आ जाती है। फिस्टुला की तरह ही यह भी एक दर्दनाक बीमारी है। फिशर होने पर मल त्याग करना बहुत कठिन हो जाता है क्योंकि दर्द खूब बढ़ जाता है। ज्यादा तैलीय पदार्थ, फास्ट फूड और मैदे से बनी चीजों को खाने पर फिशर हो सकता है। 

फिस्टुला के लक्षण 

फिस्टुला होने पर सबसे पहले गुदा में फोड़े होने लगते हैं। लंबे समय तक पेट साफ नहीं हो पाता है। गुदा मार्ग में दर्द, सूजन या जलन जैसी कोई समस्या हो सकती है। कई लोगों को गुदा मार्ग से मवाद भी निकल सकता है जो कि बहुत बदबूदार होता है। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना आगे चलकर बहुत महंगा साबित हो सकता है इसलिए समय पर चिकित्सक को दिखा देना चाहिए। 

फिशर के लक्षण

फिशर होने पर कई लक्षण दिखाई देते हैं। गुदा मार्ग में दर्द होना, खून आना, मल त्यागने में समस्याएं होना, गुदा में पस आना, यही सभी फिशर के ही लक्षण हैं। फिशर के शुरुआती लक्षण दिखने पर ही अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन शुरू कर दें। मसालेदार और मैदा युक्त चीजों का सेवन बिल्कुल बंद कर दें। कोशिश करें कि पेट ठीक से साफ हो जाए क्योंकि कब्ज रहा तो आपकी समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं। 

नोट- यह लेख संत रविदास हॉस्पिटल के डॉक्टर विशेष अकोले से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है। डॉक्टर विशेष अकोले पिछले 28 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। उन्होंने अपनी डिग्री जी.एस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उत्तर प्रदेश से ली है।

अस्वीकरण- अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित अस्वीकरण- बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।


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