प्रेग्नेंसी के समय 'जेस्‍टेशनल डायबिटीज़' से बचने के लिए आप क्‍या कर सकती हैं? जानें एक्सपट्स की राय

Update: 2022-06-12 08:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रेग्नेंसी का समय किसी भी पैरेंट के लिए बेहद खास होता है। हालांकि, यह समय मां बनने वाली महिलाओं के लिए काफी मुश्किल भरा भी होता है। इस दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं होती हैं। इन्हीं में से एक है जेस्‍टेशनल डायबिटीज़, जो मां के साथ बच्चे को भी नुकसान पहुंचा सकती है। तो आइए जानें इसके बारे में...

क्या है जेस्टेशनल डायबिटीज़?
जेस्टेशनल डायबिटीज़, एक टेम्पोरेरी स्थिति है, जो गर्भावस्था के दौरान हो सकती है। अगर आप जेस्टेशनल डायबिटीज़ से पीड़ित हैं, तो इसका मतलब है कि प्रेग्नेंसी के दौरान आपका ब्लड शुगर स्तर सामान्य से अधिक है। 2 से 10 प्रतिशत महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज़ से जूझती हैं। अगर आपको भी जेस्टेशनल डायबिटीज़ हो जाती है, तो आपको फौरन इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि इससे आपके साथ बच्चे की स्वास्थ्य पर भी असर पड़ेगा।
जेस्टेशनल डायबिटीज़ के कारण पूरी तरह से साफ नहीं है और न ही इससे पूरी तरह से बचाव किया जा सकता है। हालांकि, आप इसके विकास के ख़तरे को कम कर सकती हैं। तो आज इस आर्टिकल में जानें कि प्रेग्नेंसी के समय कैसे जेस्टेशनल डायबिटीज़ के ख़तरे से बचा जा सकता है।
जेस्टेशनल डायबिटीज़ का ख़तरा किन लोगों में ज़्यादा होता है?
25 से ज़्यादा उम्र होना
वज़न ज़्यादा होना
परिवार में किसी को टाइप-2 डायबिटीज़ होना
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) या फिर acanthosis nigricans जैसे स्किन कंडिशन का होना
प्रेग्नेंसी से पहले हाई ब्लड प्रेशर होना
पिछली प्रेग्नेंसी में भी जेस्टेशनल डायबिटीज़ होना
पिछली या फिर मौजूदा प्रेग्नेंसी में ज़्यादा वज़न बढ़ जाना
ट्विन्स या ट्रिप्लेट्स की प्रेग्नेंसी
जेस्टेशनल डायबिटीज़ के जोखिम को कैसे कम किया जाए?
जेस्टेशनल डायबिटीज़ से ख़तरे को कम करने का सबसे बेस्ट तरीका यह है कि हेल्दी रहें और अपने शरीर को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करें।
अगर आपका वज़न ज़रूरत से ज़्याद है, तो आप प्रेग्नेंसी की तैयारी करने के लिए यह स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं:
- अपनी डाइट में सुधार करें और स्वस्थ खाना खाएं।
- एक एक्सरसाइज़ रुटीन बनाएं
- वज़न घटाने की कोशिश करें
बेहतर तरीके से वज़न कम करने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें, क्योंकि कुच किलो घटाने से भी जेस्टेशनल डायबिटीज़का ख़तरा काफी कम हो सकता है। अगर आपकी फिज़ीकल एक्टिविटी काफी कम है, तो चाहे आपका वज़न ज़्यादा हो या नहीं, कम से कम हफ्ते में 3 दिन वर्कआउट ज़रूर करें। कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइ़ज़ करें। हेल्दी डाइट में सब्ज़ियों, फलों और अनाज को शामिल करें।
जेस्टेशनल डायबिटीज़ के लक्षण क्या हैं?
आमतौर पर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान इसके लक्षणों का अनुभव नहीं करती हैं। कुछ महिलाएं हल्के लक्षण महसूस कर सकती हैं जैसे:
थकावट
ज़्याद प्यास लगना
बार-बार पेशाब आना
खर्राटे
वज़न का बढ़ जाना
इसके अलावा जेस्टेशनल डायबिटीज़ अन्य बीमारियों का ख़तरा बढ़ा देती है। जिनमें से सबसे ज़्यादा गंभीर है प्रीक्लेम्पसिया, जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर होता है और अगर समय पर इलाज न हुआ तो जानलेवा साबित हो सकता है।


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