बच्चों में जगाना चाहते हैं दयालुता का भाव, अभिभावक दें इस तरह की सीख

अभिभावक दें इस तरह की सीख

Update: 2023-09-05 12:00 GMT
हर पैरेंट्स चाहते हैं कि अपने बच्चों को सर्वगुण संपन्न बनाया जाए और उनमें वे सभी भावनाएं पैदा की जाए जो के नेक इंसान में होनी ही चाहिए। एक ऐसी ही भावना हैं दयालुता की जो इंसान की पर्सनलिटी में निखार लाने का काम करती हैं। एक अच्छा इंसान बनने के लिए व्यक्ति में दयालुता का भाव होना जरूरी होता है, जो उसे दूसरों से खास बनाता है। आज के जमाने में सभी इतने व्यस्त हैं कि सिर्फ अपनी जरूरतें और इच्छाएं पूरी करते हैं। वहीँ जो लोग दूसरों के प्रति संवेदनशील होते हैं, वे सराहना के पात्र होते हैं। ऐसे में बच्चों को छोटी उम्र में ही इस भावना से परिचित करा देना चाहिए। ये बच्चों के जीवन में आगे चलकर अच्छा इंसान बनाने में मददगार होंगे। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह बच्चों में दयालुता का भाव जगाया जाए।
धन्यवाद कहना सिखाएं
बच्चे को दयालु बनाने का पहला स्टेप है कि उसे थैंक्यू कहना सिखाएं। ध्यान रखें कि थैंक्यू केवल विशेष मौकों पर कहने का नाम नहीं है, बल्कि साल में कभी भी किसी को भी धन्यवाद कहना बच्चे के लिए जरूरी है। सबसे पहले उन्हें किसी का आभार व्यक्त करना सिखाना चाहिए। बच्चों को सिखाएं कि वे अपने जीवन में हर उस व्यक्ति को धन्यवाद कह सकते हैं, जिससे वह इंस्पायर हैं।
सकारात्मक बातें करें
दयालुता का भाव लाने के लिए बच्चे में सकारात्मकता का होना जरूरी है। बच्चे को सिखाएं कि किसी को दुखी करने के बजाए अच्छा महसूस कराने का प्रयास करना चाहिए। किसी बात पर नकारात्मक राय न रखें। अगर कोई दोस्त खेल या पढ़ाई में अच्छा नहीं है तो उसे प्रोत्साहित करें, न कि अपनी बातों से उसका मनोबल कम करें।
बच्चों को डालें उस स्थिति में
बच्चों को दयालुता का भाव सिखाने के लिए किसी के बारे में कुछ कहने से पहले सोचने के लिए कहें। उनसे पूछें कि जो बातें वे सोच रहे हैं या कहना चाहते हैं अगर कोई उनके बारे में वैसा ही सोचे या कहे तो उन्हें कैसा लगेगा। इस तरह आप उन्हें किसी और का मजाक बनाने से रोक सकते हैं और उन्हें दयालु बनने में मदद कर सकते हैं।
घर के काम कराएं
सबसे पहले बच्चों को सिखाएं कि घर का या किसी का कोई काम करने में कोई बुराई नहीं है। किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करना, जिसे मदद की जरूरत हो, बच्चे को सिखानेे के लिए अच्छी बात है। यदि वे नियमित रूप से ऐसा करते हैं, तो वह जरूरत पडऩे पर किसी की मदद करना सीख जाएंगे।
अच्छे काम पर तारीफ करें
हर इंसान को उनकी तारीफ पसंद होती है। बच्चे जब अपनी तारीफ सुनते हैं तो वैसे ही कार्य और अधिक करते हैं ताकि अभिभावक से फिर तारीफ सुन सकें। ऐसे में बच्चे जब नेक और अच्छे काम करें, तो उनकी तारीफ करें। तारीफ मिलने पर बच्चे अधिक अच्छे कामों में सक्रिय होते हैं।
दान का महत्व बताएं
बच्चों को जीवन में दान देना सिखाना भी उन्हें दयालु बनाने का शानदार तरीका है। अनाथालयों, वृद्धाश्रमों में बच्चों को साथ लेकर जाएं और वहां कुछ न कुछ उनसे दान कराएं। इतना ही नहीं, उन्हें बताएं कि दान करना क्यों जरूरी है।
किसी खास कारण से लोगों को खुश करना खुशियां फैलाने का एक बेहतरीन तरीका है। एक अच्छे कारण के लिए स्वयंसेवा करना, किसी बुजुर्ग या अकेले पड़ोसी की मदद करना बहुत
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