गर्भावस्था के दौरान विटामिन-ए महिलाओं के लिए है जरूरी, डाइट में इन चीजों को करें शामिल
ऐसे में हम यहां आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान आपको किन चीजों का सेवन करना चाहिए जिससे आपके शरीर को विटामिन-ए मिल सके.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रेग्नेंसी में विटामिन ए का सेवन करना मां की सेहत के साथ-साथ बच्चे की सेहत के लिए भी लाभदायक होता है. विटामिन ए को कई सारे फूड आइटम्स से प्राप्त किया जा सकता है. अगर शरीर में इसकी कमी होती है तो सप्लीमेंट्स का सेवन भी किया जा सकता है. विटामिन A लिवर में मौजूद घुलनशील विटामिन है. यह विटामिन गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए तो जरूरी है. साथ ही इसका सेवन हड्डियों, दिल, किडनी, आंखों और श्वसन तंत्र के विकास के लिए भी जरूरी है. ऐसे में हम यहां आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान आपको किन चीजों का सेवन करना चाहिए जिससे आपके शरीर को विटामिन-ए मिल सके.
विटामिन-ए के अन्य स्त्रोत-
पालक- पालक में कई पौष्टिक तत्व होते हैं और यह गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन ए का एक बहुत अच्छा स्रोत हो सकती है. आधे कप पालक में लगभग पांच सौ mcg विटामिन-ए मौजूद होता है.
पिस्ता- ड्राई फ्रूट लवर महिलाओं के लिए यह काफी खुशखबरी हो सकती है, एक आउंस पिस्ता में 4 mcg विटामिन ए मौजूद होता है.
दूध- इस दौरान दूध पीने से काफी सारे पोषण की पूर्ति की जा सकती है इसलिए रोजाना एक गिलास दूध तो अवश्य ही पीना चाहिए, एक कप दूध में 146 mcg विटामिन ए मौजूद होती हैं.
वैनिला आइसक्रीम- वैनिला आइस क्रीम में भी विटामिन-ए मौजूद होता है एक कप आइस क्रीम में 275 mcg विटामिन ए मौजूद होता है, हालांकि आपको इस दौरान सीमित मात्रा में ही आइस क्रीम खानी चाहिए.
गाजर- गाजर आप सलाद के रूप में खा सकती हैं आधी कप कच्ची गाजर में लगभग 450 mcg विटामिन-ए मौजूद होता है.
कच्चे आम- प्रेग्नेंसी के दौरान कच्ची और खट्टी चीजें खाने का ज्यादा मन करता है अगर ऐसी बात है तो कच्चे आम खा सकती हैं. इनमें विटामिन-ए भी मौजूद होता है एक आम में 110 mcg विटामिन ए मौजूद होता है.
क्यों जरूरी है गर्भावस्था के दौरान विटामिन-ए-
डिलीवरी के बाद टिश्यू रिपेयर करने में मदद कर सकता है सामान्य विजन में मदद कर सकता है.
इम्यून फंक्शन को मजबूत करने में मदद करता है और फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम की फंक्शनल कैपेसिटी को मेंटेन करके रखता है.
बच्चे की हड्डियों के विकास में सहायक बच्चे के साथ ही ऑर्गन विकसित करने में मददगार एपीथेलियल टिश्यू फॉर्म होने में करता है मदद.