कैंसर का रूप ले सकती हैं गर्भाशय की गांठ, समस्या दूर करने के लिए कैसा हो आपका आहार
महिलाओं के बच्चेदानी अर्थात गर्भाशय में गांठ की समस्या होना आजकल बेहद आम बात हो गई हैं। इसे रसौली के नाम से भी जाना जाता है। गर्भाशय में गांठ की समस्या से अधिकतर महिलाओं काे जूझना पड़ता है। कई बार गर्भाशय में रसौली बनना आनुवंशिक हाे सकता है। बहुत बार महिलाओं द्वारा ली जानी वाली गर्भ निरोधक गोलियों के कारण भी गर्भाशय में गांठे बनने लगती हैं। यह समस्या बढ़ती हैं तो कैंसर, बांझपन का भी कारण बन सकती हैं। ऐसे में आपको अपने आहार में भी बदलाव लाने की जरूरत हैं एवं क्या खाएं और क्या नहीं यह भी जानने की जरूरत हैं। आज इस कड़ी में हम आपको जरूरी आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जो गर्भाशय को हेल्दी रखने के साथ ही रसौली की समस्या को दूर करने का काम करेंगे। आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...
हल्दी
हल्दी काे सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। अधिकतर बीमारियाें के इलाज में हल्दी का उपयाेग किया जाता है। गर्भाशय में गांठ हाेने पर भी आपकाे हल्दी काे अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। इसमें एंटीबायाेटिक गुण हाेते हैं, जिसके सेवन से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। हल्दी के सेवन से रसौली में भी आराम मिलता है। साथ ही यह गर्भाशय के कैंसर काेशिकाओं काे बढ़ने से राेकता है।
खट्टे फल
खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं जो यूटेराइन फाइब्रॉइड की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है, इसलिए इस पोषक तत्व की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अंगूर, संतरा, नींबू, चकोतरा, आंवला आदि को अपने आहार में शामिल करें। साथ ही, फलों के रस के बजाय, इन फलों को पूरे फल के रूप में लेने की कोशिश करें।
ग्रीन टी
गर्भाशय में गांठ या रसौली हाेने पर आपकाे अपनी डाइट में ग्रीन टी काे जरूर शामिल करना चाहिए। ग्रीन टी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हाेता है। इसमें एपीगेलाेकैटेचिन गैलेट नामक एक तत्व हाेता है, ताे रसौली की काेशिकाओं काे बढ़ने से राेकता है। ग्रीन टी से स्वास्थ्य काे कई लाभ मिलते हैं। इसके गुणों का भरपूर लाभ उठाने के लिए, हर रोज कम से कम 1 कप ग्रीन टी लेने की कोशिश करें, इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर से चर्चा करके, ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट कैप्सूल का भी सेवन शुरू कर सकते हैं।