Uric Acid Level बढ़ गया है तो इन 7 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से करें कंट्रोल

हाई यूरिक एसिड आपके जोड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

Update: 2021-09-25 14:16 GMT

हाई यूरिक एसिड आपके जोड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। गठिया जैसी स्थितियां तब समस्या पैदा करती हैं, जब यूरिक एसिड क्रिस्टल एक जोड़ में जमा हो जाते हैं। यूरिक एसिड मूल रूप से शरीर में बनाया गया एक प्राकृतिक अपशिष्ट उत्पाद है, जो मछली, शराब और समुद्री भोजन जैसे प्यूरीन के साथ भोजन को पचाता है। जबकि हमारी किडनी आमतौर पर यूरिक एसिड को फिल्टर करती है, लेकिन इसकी अधिकता हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

जोड़ों में सूजन और दर्द को रोकने के लिए यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञ आमतौर पर इसे नियंत्रण में रखने के लिए व्यायाम, अच्छा आहार और ढेर सारा पानी पीने की सलाह देते हैं। लेकिन आयुर्वेद में कुछ ऐसे उपाय भी हैं, जो यूरिक एसिड के नियंत्रण को रखने में फायदेमंद हो सकते हैं। हिंदुस्तान टाइम्स डॉट कॉम की एक खबर में वेदिक्योर हेल्थकेयर एंड वेलनेस के आयुर्वेद सलाहकार डॉ.सैली मोदी ने कुछ आयुर्वेद उपाय बताए हैं।
​पुनर्नवा काढ़ा-
इस जड़ी-बूटी में जोड़ों में सूजन को कम करने के औषधीय गुण हैं। जब यूरिक एसिड बहुत होता है, तो जोड़ों में सूजन आ जाती है। पुनर्नवा जड़ी-बूटी औषधीय गुणों से पेशाब के जरिए विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालती है। इसका नियमित सेवन जोड़ों की सूजन को कम कर सकता है।
​वरूण चूर्ण-
वरूण चूर्ण का लेप यूरिक एसिड के कारण होने वाले दर्द वाले जोड़ पर लगाया जाता है। इससे लंबे समय तक दर्द से छुटकारा मिल जाता है।
​काली किशमिश-
किशमिश का सेवन हड्डियों के घनत्व के लिए अच्छा माना जाता है और गठिया के दर्द को कम करता है। आप रोजाना 10-15 काली किशमिश को रातभर के लिए पानी में भिगोकर रख दें और उस पानी को पी लें। अगली सुबह किशमिश चबाएं। दर्द से राहत मिलेगी।
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गुडुची-
यह औषधि यूरिक एसिड के लिए बहुत अच्छी मानी गई है। यह पित्त की मात्रा को कम करने के साथ पित्त और वात दोष को संतुलित करने और ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने में मदद करता है। जोड़ों की सूजन और दर्द से राहत दिलाने में यह जड़ी-बूटी बहुत कारगार है। बता दें कि गुडुची से अमृतादि गुगुल बनाया जाता है, जो यूरिड एसिड के लेवल को कम करने के लिए अच्छा काम करता है।
​मुस्ता-
इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए यह एक प्रभावी जड़ी-बूटी है। आप मुस्ते का दरदरा पाउडर इस्तेमाल कर सकते हैं। रातभर इसे पानी में भिगा लें और फिर इसे सुबह पानी में उबाल लें। जब पानी अच्छी तरह से उबल जाए, तो इसे छान कर पी लें।
​गुग्गुल -
शरीर में हड्डियों से जुड़ी किसी समस्या के होने पर गुग्गुल का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है। गुग्गल कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें मिलाकर दवाई बनाई जाती है। आयुर्वेद में इसे दर्द निवारक माना जाता है। यह जोड़ों के आसपास दर्द और सूजन को कम करता है, साथ ही यूरिक एसिड अंडर कंट्रोल रहता है।
​शुंठी और हल्दी पाउडर-
शुंठी का मतलब है अदरक का पिसा हुआ पाउडर यानी सोंठ। शुंठी और हल्दी पाउडर दोनों ही जोड़ों के दर्द में फायदेमंद साबित होते हैं। दोनों को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें और दर्द वाले जोड़ों पर लगाएं। इसका सेवन करने से भी जोड़ों के दर्द और गठिया जैसे रोग से मुक्ति मिलती है।
शरीर में यूरिक एसिड की बढ़ती मात्रा को कम करने के लिए यहां बताई गई जड़ी-बूटियां दवाओं से बेहतर काम कर दिखाती हैं। नियमित रूप से इन्हें लेने पर जोड़ों में होने वाली तकलीफ में बहुत आराम मिलेगा।
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