माता-पिता होना एक जिम्मेदारी भरा काम होता है। अपने बच्चे की ख्वाहिश पूरी करने के लिए पेरेंट्स पूरी म्हणत करते हैं। हालांकि कभी कभी बच्चों के मन की बातें समझना मुश्किल हो जाता है। उम्र के साथ बच्चों के बर्ताव में भी बदलाव होने लगते हैं। अगर आपको भी अक्सर अपने बच्चे के व्यवहार को समझने में मुश्किल होती है तो आइए जानते हैं उम्र के मुताबिक उनकी मन की बातें-
सभी बच्चे अलग होते हैं और सभी का अपना अलग व्यवहार होता है। लेकिन फिर भी जानकारी के अभाव में कुछ पेरेंट्स दूसरों के बच्चों को देख कर अपने बच्चे के विकास के लिए फिक्र करने लगते हैं। लेकिन यहां ये समझना जरूरी है कि कुछ बच्चे सामान्य से माइलस्टोन तक भी देर से पहुंचते हैं। इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है, बस उनके विकास पर नजर रखें ऐसी ही बच्चों की उम्र के अनुसार उनके कुछ सामान्य से व्यवहार को समझें, जिससे अगर आप पहली बार पैरेंट बने हैं तो बच्चे के समुचित बौद्धिक विकास को आसानी से समझ सकेंगे।
दो साल के बच्चे
प्यार करना चाहते हैं
पेरेंट्स के करीब रहना चाहते हैं
इन्हें थोड़ी बहुत आजादी चाहिए
बॉसी और डिमांडिंग भी हो सकते हैं
पेरेंट्स से अलग होने पर रोते हैं
किसी एक पेरेंट से विशेष लगाव
3 साल के बच्चे
ये एनर्जी से भरपूर होते हैं
इन्हें और भी आजादी चाहिए होती है
इनके नए दोस्त बनते हैं और ये सोशल होना शुरू होते हैं
नई-नई चीजें सीखने का शौक होता है
इस उम्र तक खूब सारे "क्यों" और अनगिनत सवालों का समय शुरू हो चुका होता है
शारीरिक रूप से बहुत ही अधिक सक्रिय होते हैं।
बहुत सारे क्यों और क्या से शुरू होते हुए सवाल।
ड्राइंग बनाने में दिलचस्पी दिखाई देती है।
बेसिक पढ़ना लिखना शुरू करते हैं।
उत्सुकता में कई काम खुद करने की कोशिश करेंगे जिसमें से कुछ बातें जानलेवा भी साबित हो सकती हैं, और इस तरह ये आपके धैर्य की परीक्षा ले सकते हैं।
कई सारे दोस्त बनाते हैं, क्योंकि अब ये अच्छे से बात करना शुरू कर देते हैं।
5 साल के बच्चे
बहुत ही सक्रिय मोटर कंट्रोल
अपना नाम लिखने की कोशिश करेंगे।
आपसे बहुत सारी बातें करना चाहेंगे।
कई सारे रोल प्ले जैसे गेम खेलेंगे जैसे घर-घर, डॉक्टर-डॉक्टर आदि।
सबसे ज्यादा इस बात को शेयर करेंगे कि वो बड़े हो कर क्या बनना चाहते हैं।
कलरिंग बुक भरते रहते हैं और अपनी कल्पना से पिक्चर बुक्स बनाना शुरू करते हैं।