समझें, पीठ दर्द के इशारे

Update: 2023-05-07 14:22 GMT
दर्द, चाहे शरीर के किसी भी हिस्से में हो. आपको संदेश भेजता है कि सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है. दर्द के इशारों को समझकर आप अपने शरीर का बेहतर ढंग से ख़्याल रख सकते हैं. आइए, जानते हैं पीठ दर्द के इशारों को.
पीठ दर्द का इशारा नंबर 1: आप कुछ ज़्यादा ही तनावग्रस्त हैं
जब हम तनाव में होते हैं तो हमारी मांसपेशियां अकड़ जाती हैं. ख़ासकर गले और पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों पर तनाव का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. पीठ की मांसपेशियों के अकड़ जाने से हमारी पीठ दुखने लगती है. आपने ग़ौर किया होगा, जब भी आप तनावग्रस्त होते हैं तो सबसे पहले पीठ परेशान करना शुरू कर देती है. जिन लोगों को पीठ दर्द की समस्या होती है, यदि वे लंबे समय से तनावग्रस्त रहते हैं तो पीठ दर्द की समस्या और बढ़ जाती है. तो यदि अपना भला चाहते हैं तो ‌तन के साथ-साथ मन की सेहत पर भी ध्यान दें. वरना मन की सेहत, कब तन को नुक़सान पहुंचाने लगेगी आपको पता भी नहीं चलेगा.
पीठ दर्द का इशारा नंबर 2: टेक्नोलॉजी ने आपको पूरी तरह से गिरफ़्त में ले लिया है
जो लोग दिन में कई घंटे अपने फ़ोन या टैब में बिज़ी रहते हैं, उन्हें ‘टेक्स्ट नेक’ नामक हेल्थ प्रॉब्लम होती है. चूंकि वे फ़ोन या टैब पर काम करते समय अपनी गर्दन को नीचे झुकाए होते हैं, उनके मेरुदंड यानी स्पाइन पर अतिरिक्त वज़न पड़ता है. यह अलग बात है कि शुरू-शुरू में उन्हें इसका एहसास नहीं होता. पर यह आदत धीरे-धीरे उनके पॉश्चर को प्रभावित करने लगती है और पीठ का दर्द शुरू हो जाता है. मामला साफ़ है, ‌स्क्रीन में दिन रात घुसे रहने से आपकी आंखें ही नहीं, शरीर के दूसरे अंग भी परेशान 
पीठ दर्द का इशारा नंबर 3: आपके बैठने के तरीक़े में लोचा है
यदि आप डेस्क वर्क करते हैं, जिसके चलते घंटों एक ही जगह बैठे रहना होता है तो अपने बैठने के तरीक़े पर तत्काल प्रभाव से ध्यान दें. यदि बैठते समय आपका पॉश्चर सही नहीं होगा तो आपकी पीठ के निचले हिस्से पर दबाव ज़्यादा पड़ेगा. यदि आप पीठ के निचले हिस्से के दर्द से परेशान हैं तो वक़्त आ गया है अपने पॉश्चर की समीक्षा करने का. हम जानते हैं और आप भी कि नौकरी छोड़ना इसका समाधान नहीं है. आप बस डेस्क पर बैठते समय इतना ध्यान रखें कि आपके फ़ोरआर्म्स (कुहनी से कलाई तक का हिस्सा) ज़मीन के समानांतर हों. सिर धड़ की सीध में हो. पैर ज़मीन पर फ़्लैट हों या फ़ुटरेस्ट पर हों. और सबसे अहम् बात, पीठ को अच्छा सपोर्ट हो और जांघें ज़मीन के पैरलल यानी समानांतर हों. इस तरह आप इस लोचे को ठीक कर सकते हैं.
पीठ दर्द का इशारा नंबर 4: शरीर में कहीं मसल्स का तालमेल मसला (गड़बड़ा) गया है
हमें यह तो पता ही है कि हमारे शरीर के सभी अंग आपस में एक बेहतरीन कोऑर्डिनेशन यानी तालमेल के साथ काम करते हैं. पीठ में दर्द होने का यह मतलब नहीं है कि मुख्य समस्या पीठ में ही है. हैमस्ट्रिंग्स में खिंचाव या पेट की मांसपेशियों के कमज़ोर होने से भी पीठ का दर्द होता है. दरअस्ल, यदि शरीर में मसल्स का तालमेल गड़बड़ाता है तो उसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है. ख़ासकर ऐसी स्थिति में पीठ को ज़्यादा काम करना पड़ता है. तो पीठ अपना ओवरटाइम मांगने लगती है. यहां ओवरटाइम को आप एक्स्ट्रा केयर मान सकते हैं.
आप अपने डॉक्टर या फ़िज़ियो थेरैपिस्ट से मिलें और इस बारे में उनकी राय लें. हां, आप कोर मसल्स को मज़बूत बनानेवाले एक्सरसाइज़ करें और बेली को भी शेप में रखने की कोशिश आपकी प्राथमिकता होनी चा‌हिए. इस बात को ध्यान में रखें कि पीठ दर्द की स्थिति में एक्सरसाइज़ किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें.
पीठ दर्द का इशारा नंबर 5: डिस्क की समस्या धीरे-धीरे दस्तक दे रही है
हमारी रीढ़ की हड्डी के बीच के डिस्क रीढ़ पर कुशनिंग इफ़ेक्ट की तरह काम करते हैं. वे रीढ़ को किसी भी तरह के झटके से बचाते हैं. सीधी भाषा में समझ लीजिए कि शॉक-एब्ज़ॉर्बर का काम करते हैं. पर समय के साथ ये डिस्क्स फ़्लैट होने लगते हैं. या ग़लत पॉश्चर या चोट आदि लगने के चलते इनमें गड़बड़ी आने लगती है. कई लोगों को डिस्क में गड़बड़ी की फ़ैमिली हिस्ट्री भी होती है. ये डिस्क्स हमेशा दर्द वाली स्थिति पैदा करते हों, ऐसा नहीं हैं. पर जब एक बार डिस्क्स के चलते दर्द शुरू होता तो काफ़ी तक़लीफ़ होती है. हॉट और कोल्ड पैक्स लगाने से भी आराम मिलता है. फ़िज़ियो थेरैपी से भी मदद मिलती है. पर आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप डॉक्टर की सलाह पर अमल करें.
पीठ दर्द का इशारा नंबर 6: कोई गंभीर बीमारी आपकी ओर बढ़ रही है
कभी-कभी पैंक्रियाटाइटिस, अल्सर या किडनी इन्फ़ेक्शन के चलते भी पीठ में तेज़ दर्द होता है. वहीं कभी-कभी पीठ का दर्द कैंसर का संकेत भी देता है. इसके अलावा ऑस्टियोमायलाइटिस जैसा रीढ़ की हड्डी का इन्फ़ेक्शन भी पीठ दर्द का कारण हो सकता है.
नोट: वैसे ज़्यादातर मामलों में पीठ दर्द क़रीब छह हफ़्तों में अपने आप ठीक हो जाता है, पर यदि समय के साथ आपकी कंडिशन बद से बदतर होती जा रही हो तो बिना देर किए अपने डॉक्टर से मिलें. यदि आपकी रीढ़ की हड्डी में किसी तरह की सूजन या बदलाव महसूस हो तो भी डॉक्टर का अपॉइंटमेंट लेने में देर न करें.
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