युवा मकान मालिक सजावट के खेल में यह साबित करने से नहीं चूकते कि बड़ा ही बेहतर है. जबकि यह कम जगह अभी भी ज़्यादा है. आप भी असमंजस में पड़ गए? हम आपको बता रहे हैं दो शानदार होम प्रोजेक्ट्स के बारे में.
प्रोजेक्ट 1
पांच कमरों को दो में बदलना
यह तो साफ़ है कि ज़्यादा से ज़्यादा जगह युवा जोड़ों की प्राथमिकता है. हमारा पहला प्रोजेक्ट उस जोड़े (उनकी इच्छा है कि वह अनजान बने रहें) का घर था, जो अपने पांच कमरे वाले अपार्टमेंट को खुले-खुले से तीन कमरों वाले घर में तब्दील करना चाहते थे. 3,500 स्क्वेयर फ़ुट की इस जगह, जहां से मुंबई की पवई झील दिखती है, में यह जोड़ा और उनकी तीन साल की बच्ची रहती है.
उनके सपनों के आशियाने को मुंबई की फ़र्म श्रॉफलियोन के दो आर्किटेक्ट कैज़ाद श्रॉफ और मारिया लियोन ने बनाया. श्रॉफ कहते हैं,“हमें जो बताया गया था वह बहुत आसान था, पांच कमरों को दो में बदलना. इसके अलावा बातचीत में यह बात भी निकल कर आई कि कमरे से जुड़े ओपन टैरेस को डेन में तब्दील करना था, जिसका दोहरा इस्तेमाल हो सके. परिवार के निजी पलों के साथ-साथ यह जगह मनोरंजन के लिए भी इस्तेमाल हो.
जैसा कि उनके क्लाइंट ने अनुरोध किया था, घर में दरों-दीवारें कम हों. श्रॉफलियोन ने इसके लिए हल्के रंग के पैलेट के साथ स्टाइलिश और सुरुचिपूर्ण तरीक़ा अपनाया. उन्होंने हैंडमेड मार्बल टाइल्स, वुड फ़िकनिश्ड वॉल पेपर, ब्लोन ग्लॉस स्कल्प्चर्स, ग्रीन वॉल्स और मास्टर बाथरूम में कारीगरी की हुई स्टेनलेस स्टील की स्क्रीन इस्तेमाल की, ताकि उस जगह पर खुले होने का कलात्मक एहसास हो.
युवा जोड़े की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन फ़ीचर्स में एक ‘ब्लैक बॉक्स’ था, जिसमें बार और पूजा घर शामिल था. सबसे प्रमुख बात यह थी कि यह घर के प्रवेश द्वार को फ्रेम भी कर रहा था. लकड़ी के फ़र्श, पौधे और पूरी तरह खुलने वाली खिड़कियों के सहारे खुलेपन का एहसास देने का प्रयास किया गया था. क्लाइंट मटेरियल और टेक्स्चर के साथ प्रयोग के लिए तैयार थे.
वहीं डेन में एक ग्रीन वॉल और शांत पूल के साथ अलग ही प्रभाव पैदा हो रहा था. लिविंग रूम के लिए डिज़ाइन फ़र्म ने मुंबई के ही एक कलाकार से संपर्क किया, जिसने आगे की ओर लगाने के लिए ऐसे पैनल बनाए, जो ढलवां या सिलवटदार धातु का आभास देते हैं. बार को छुपा हुआ रखने के लिए इन पैनल्स का चतुराई से इस्तेमाल किया गया. इस घर में कस्टमाइज़्ड इंटीरियर की यह इकलौती मिसाल नहीं है. एक बेडरूम में राजस्थान के कारीगरों ने बेड के पीछे की ओर लंबी धारीदार संगमरमर की टाइल्स बनाई. इसी तरह दूसरे बेडरूम में टीवी कंसोल रखने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल कर लहरदार वॉल पेपर तैयार किया. श्रॉफ कहते हैं,“बाथरूम वह जगह थी, जहां नए प्रयोग की गुंजाइश थी." वह आगे बताते हैं,“धूप ख़ूबसूरती से छन-छन कर पूरे कमरे में बिखरे इसके लिए मुंबई के एक स्थानीय कलाकार के सहयोग से शीशे की हल्की पारदर्शी स्क्रीन बनवाई गई."