आज हैं 'विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस', इतिहास और महत्त्व
विश्व भर में 7 जून को हर साल विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस यानी वर्ल्ड फ़ूड सेफ्टी डे (World Food Safety Day) मनाया जाता है.
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क| विश्व भर में 7 जून को हर साल विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस यानी वर्ल्ड फ़ूड सेफ्टी डे (World Food Safety Day) मनाया जाता है. इस दिन को मनाये जाने की वजह खाद्य सुरक्षा के प्रति उन लोगों को जागरुक करना है जो खराब भोजन का सेवन करने की वजह से गंभीर रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना है कि हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिल सके.
इस वर्ष के लिए थीम
हर वर्ष इस दिन के लिए एक थीम यानी विषय तय किया जाता है. विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के लिए इस वर्ष यानी 2021 की थीम तय की गयी है "स्वस्थ कल के लिए आज का सुरक्षित भोजन." ('Safe food today for a healthy tomorrow'). ये थीम सुरक्षित भोजन के उत्पादन और उपभोग पर केंद्रित है. भोजन के सुरक्षित होने से लोगों, ग्रह और अर्थव्यवस्था को तत्काल रूप से और लम्बे समय तक फायदा होता है. हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के दिन आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम तय की गयी थीम पर ही आधारित होंगे. लेकिन कोरोना महामारी के चलते ये कार्यक्रम वर्चुअली आयोजित किये जायेंगे.
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का इतिहास
ये दिन खाद्य सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करता है और इस दिन को मनाये जाने की घोषणा दिसंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से की गयी थी.यह खाद्य जनित रोगों के संबंध में दुनिया पर पड़ने वाले बोझ को पहचानने के लिए था. विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं खाद्य और कृषि संगठन इस क्षेत्र से संबंधित अन्य संगठनों के सहयोग से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने के लिए मिलकर काम करते हैं. विश्व स्वास्थ्य सभा ने दुनिया में खाद्य जनित बीमारियों के बोझ को कम करने के लिए खाद्य सुरक्षा की दिशा में प्रयासों को मजबूत करने का निर्णय लिया है.
खाद्य सुरक्षा दिवस का महत्व
खाद्य सुरक्षा यह सुनिश्चित करती है कि खाद्य सामग्री के उपभोग से पहले फसल का उत्पादन, भंडारण और वितरण तक खाद्य श्रृंखला का हर स्टेप पूरी तरह से सुरक्षित हो. इसी की वजह से खाद्य सुरक्षा दिवस का महत्व बढ़ जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दूषित खाद्य या बैक्टीरिया युक्त खाद्य से हर साल 10 में से एक व्यक्ति बीमार होता है. विश्व भर आबादी के अनुसार अगर देखा जाए तो यह आंकड़ा साठ करोड़ पार कर जाता है. दुनियाभर में विकसित और विकासशील देशों में हर वर्ष भोजन और जलजनित बीमारी से लगभग तीस लाख लोगों की मौत हो जाती है.