राजघराने में बनती थी ये खास मिठाई, 8 घंटे में होती है तैयार

Update: 2023-08-04 15:28 GMT
लाइफस्टाइल: बीकानेर की मिठाई और नमकीन का स्वाद पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. लेकिन बीकानेर राजघराने की रसोई में एक ऐसी मिठाई बनती थी, जिसको राजघराने के सदस्य बड़े चाव के साथ खाते थे. हम बात कर रहे है बादाम की चक्की यानी बादाम की बर्फी की. पहले तो राजघराने की रसोई में यह बनती थी, लेकिन अब यह शहर की कुछ दुकानों में भी बनने लगी है.
जानकारी के अनुसार बीकानेर राजघराने के सदस्य तो आज भी इस बादाम की चक्की के मुरीद हैं और आज भी यह मिठाई खाते है. यह काफी महंगी मिठाई है. इस मिठाई का इजाद भी राज घराने की रसोई से हुआ है. उसके बाद शहर की दुकानों में बिकनी शुरू हुई. आमतौर पर बाजार में मिठाई 300 से 400 रुपए किलो बिकती है, लेकिन यह मिठाई सबसे महंगी यानी एक हजार रुपये किलो बेची जाती है. बादाम के शौकीन लोग इस मिठाई को बड़े चाव के साथ आज भी खाते है. यह मिठाई ज्यादातर तो सर्दी में खाते है, लेकिन कुछ लोग पूरे साल यह मिठाई खाते हैं. यह मिठाई करीब एक सप्ताह तक खराब नहीं होती है.
दुकानदार जोरावर ने बताया कि इस बादाम की बर्फी की शुरुआत राजघराने से हुई थी. राजघराने में पहले तो बादाम की कतली बनती थी, लेकिन फिर बादाम की चक्की यानी बादाम की बर्फी बनाई गई. यह मिठाई बाजार में एक हजार रुपए किलो बेची जाती है. यह मिठाई बाजार में कम बिकती है. इसलिए दुकानदार भी इसको कम बनाते है. यह मिठाई सिर्फ ऑर्डर देने पर ही बनाई जाती है. वहीं बादाम की कतली तो कुछ दुकानों में मिल जाती है, लेकिन बादाम बर्फी यानी बादाम की चक्की तो सिर्फ ऑर्डर देने पर ही बनाई जाती है.
दुकानदार जोरावर ने बताया कि यह मिठाई को बनाने में 8 घंटे का समय लगता है. इस मिठाई में सबसे पहले बादाम को भिगोया जाता है. इसके बाद भी 2 से 3 घंटे का समय लगता है. फिर इस बादाम को छीलकर कूटकर रवा किया जाता है. इसमें घी, चीनी, केसर और पिस्ता डाला जाता है. फिर इसको घी में सेका जाता है. फिर चासनी बनकर मिलाया जाता है. इस बादाम को चक्की का स्वाद कतली से बहुत अलग होता है.
.
Tags:    

Similar News

-->