ऐसे करें माता पिता परवरिश गलतियों से सीख ले बच्चे

Update: 2024-05-23 13:54 GMT
लाइफस्टाइल: जब माता-पिता छुपाएं गलतियां और बच्चे हो अंजान, ना डालें खतरे में अपने बच्चे का भविष्य गलतियों से सीख ले बच्चे, ऐसे करें माता पिता परवरिश यही बच्चा बड़े होने के बाद होनी गलत आदतों का दोषी सिर्फ अपने माता पिता को ठहराता हैं। अपना बच्चा हर माता पिता को अच्छा लगता हैं। इसका ये मतलब नहीं आप बच्चे की खर बात में हाँ कहें और उसकी हर गलती छुपाते रहें। इस तरह आप अपने बच्चे का भविष्य खतरे में डाल रहें हैं। माता पिता की ऐसी आदतों की वजह से बच्चा सही गलत में फर्क करना नहीं सीख पाता हैं। प्यार करना और लाड में आ कर बच्चे को बिगाड़ देना नकारात्मक पेरेंटिंग की निशानी हैं। यही बच्चा बड़े होने के बाद होनी गलत आदतों का दोषी सिर्फ अपने माता पिता को ठहराता हैं। वो समझ चुका होता हैं अगर उसके माता पिता ने समय रहते उसकी गलतियां छुपाने की जगह उसे सही रास्ता दिखाया होता तो आज वो कुछ अच्छा कर रहा होता।
बेशक अपने बच्चों से खूब प्यार करें लेकिन उनकी गलतियां छुपाने की जगह उनकी गलतियों से उन्हें ही सीख लेने की प्रेरणा दें और उनका भविष्य संवार दें।
समय समय की बात हैं
बच्चे के कुछ गलत करने ओर उसे प्यार से समझाएं। अगर वो फिर भी ना समझें तो हलकी डांट लगाएं। जब आप ये जान जाएँ, आपका बच्चा जान कर यही गलती बार बार कर रहा हैं तो उसे ये साफ़ शब्दों में बता दें। आप समझ चुके हैं की वो ये गलती जानबूझ कर दोहरा रहा हैं। गलतियां दोहराने से वो अपना ही नुकसान कर रहा हैं उसे किसी न किसी तरह इस बात का एहसास जरूर करवाएं। तब बच्चा समझेगा आप उसकी शैतानी समझ चुके हैं, फिर वो गलती दोहराने की कोशिश भी नहीं करेगा।
सच और झूठ
कई बच्चों की आदत बन जाती हैं बात बात पर झूठ बोलना। इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं। माता पिता का बच्चे के साथ जरुरत से ज्यादा सख्त होना, छोटी छोटी बातों पर बुरी तरह डांटना, हाथ उठाना, गलत शब्दों का इस्तेमाल करना, किसी दूसरे बच्चे से तुलना करना आदि। जरुआत से ज्यादा छूट देने पर भी बच्चे माता पिता से झूठ बोलना शुरू कर देते हैं। जब माता पिता बच्चे पर कम ध्यान देते हैं तो बच्चा धीरे धीरे समझ जाता हैं माता पिता सच जान ने की कोशिश ही नहीं करेंगे। उस वक़्त उसे झूठ ही सही लगता हैं और धीरे धीरे इसकी लत लग जाती हैं।
आदतों पर करें गौर
बचपन से ही अपने बच्चे की हर छोटी हरकत पर गौर करें। इस तरह ये पता चलता हैं, बच्चा किस तरह की बातें सोचता हैं, उसके मन में क्या चलता हैं। जैसे ही आप देखें बच्चा कुछ गलत करने का सोच रहा हैं या करना चाहता हैं। उसी वक़्त उसे टोक दें और ऐसा करने के क्या नुकसान हैं इस बारे में अच्छे से समझाएं, साथ ही उसका मन टटोलने की कोशिश करें। वो ऐसा क्यों करता हैं, क्या सोचता हैं, क्या कोई ऐसा व्यक्ति हैं जो उसे ये सब सीखा रहा हैं या कागात ऐसा करने के लिए उसे प्रेरित कर रहा हैं।
बच्चे के साथ ऐसा रिश्ता बनाएं , बच्चा बड़ी से बड़ी परेशानी आने पर सबसे पहले आपको याद करे, पर डर से नहीं विश्वास से। उसे यकीन रहे हमेशा उसके माता पिता उसके साथ हैं। गलत करने पर या हो जानें पर वो डरे नहीं बल्कि सच बातये ताकि माता पिता इसका समाधान निकाल सकें। अपने बच्चों की गलतियां छुपा कर उनका भविष्य ख़राब ना करें।
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